सोमवार, 1 जनवरी 2018

वशीकरण से छुटकारा

कई बार वशीकरण काले जादू की वजह से होता है – तब इस परिस्थिति में काली माँ के मंदिर जाएं और माँ की आराधना,पूजा और आरती करें। टिका पहले माँ को समर्पित करें फिर अपने लगाएं, इससे वशीकरण हट जायेगा।
किसी सिद्ध तांत्रिक से बात कर के उपाय के तौर पर अभिमंत्रित यन्त्र को गले में धारण करें। इससे यन्त्र की ऊर्जा आपको बचाएगी। महाकाली के मंदिर जा करलाल गुलाब का फूल अर्पित करें, १०८ बार या फिर ११ बार चामुंडा माँ का मंत्र उच्चारित करें, इसके बाद में गुलाब की सात पंखुड़ियां जिसके साथ वशीकरण हुआ है उसे खिला दें।
वशीकरण में नज़र लगाना भी आता है क्योंकि वह वशीकरण का एक छोटा अंग है। इंसान जब किसी भूत-प्रेत अथवा नज़र, हाय या बुरी आत्मा के जाल में फंसता है तब उसकी समस्या समाधान करना मुश्किल कार्य होता है। ऐसे में यज्ञ या पूजा से मिले लॉकेट या यन्त्र या फिर ज्योतिषी के दिए यन्त्र कारगर होते हैं।
तंत्र-मंत्र जादू और टोने के लिए और बुरी नज़र एवं वशीकरण के लिए कारगर है और शनि दोष, साढ़े-साती, ढैय्या में लाभदायक और शुभ होता है।
वशीकरण मुक्ति लॉकेट पहनने से वशीकरण, बुरी नज़र एवं तंत्र-मंत्र से बचाव होता है। इनके चमत्कारी प्रभाव से मानसिक सुख शान्ति मिलती है और शारीरिक सुख रहता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, संचार होता है एवं आशावादी सोच बनती है।
बाधामुक्ति कवच एक और सटीक उपाय है, यह पांचमुखी, तेरहमुखी और गणेश रुद्राक्ष के मिलाने से बनाया जाता है और इसका लाभ बहुत है।  तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक है और यह बाधाओं को हटाने में मदद करता है, पांचमुखी रुद्राक्ष रूद्र का प्रतीक है और यह पापों का नाश करने में मदद करता है। यह तापों से भी बचाता है। गणेश रुद्राक्ष गणपति भगवान की तरह विघ्न विनाशक होता है। इसीलिए यह माला अच्छी मानी गयी है।
घोड़े की नाल घर के मुख्य द्वार पर लगाने से नज़र दोष दूर हो जाता है। यह उपाय शनि के सादे साती, ढैय्या और दशा में काफी चलता है। वशीकरण में भी इसका लाभ है। हकीक की माला घर में रखने से और घोड़े की नाल पहनने से भी असर अच्छा होगा।
चाहे जैसा भी वशीकरण हो अगर आपको सामान्य जीवन को ठीक करना सबसे आवश्यक लगता है तो पहले भैरों भगवन की पूजा करें, यन्त्र खरीदें और घर में प्रतिष्ठिट करके उसकी पूजा करें। व्यावसायिक समस्याएँ और तंत्र-मंत्र जादू से बचाव भी हो जाता है। बस आप को नियमित ढंग से इस यन्त्र की पूजा करनी होगी, फिर आपकी समस्या का समाधान हो जाना चाहिए।
गीता पाठ करने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। वशीकरण से मंत्र द्वारा छुटकारा पाने में यह तरीका भी लाभदायक है। गीता यन्त्र की पूजा करें, हो सके तो यन्त्र के सामने पाठ करें, एक पञ्च मुखी रुद्राक्ष माला पे रोज़ ग्यारह बिल्वपत्र चड़ाएं।
इससे गीता की विद्या तो प्राप्त होती ही है, साथ ही घर में सुख का वातावरण बना रहता है। भूत-प्रेत और पितृ दोष भी दूर होता है। हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से, मांगलिक दोष एवं टोना-टोटका और ज़्यादा ज़रूरी वशीकरण का उपाय, हो जाता है।
लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को हनुमान यन्त्र खरीद, प्रतिष्ठित कर, वशीभूत के ऊपर सात बार फेर कर घर के प्राणियों के पास रखने से सबके ऊपर का वशीकरण ख़तम हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है की ग्यारा मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र का प्रतीक है। यह ११ रुद्रों जिनका वर्णन वेदों और पुराणों में है का प्रतीक है और शिव जी का प्रतीक है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले का कोई वशीकरण नहीं हो पाता, वह सुख और समृद्धि से जी सकता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी असरदार है क्योंकि यह साक्षात् इंद्र और कार्तिकेय है, जो की शिव जी के दुसरे बेटे हैं। आखिरी रुद्राक्ष जानने के लिए है पंद्रहमुखी रुद्राक्ष जिसे भगवान पशुपतिनाथ का स्वरुप माना गया है। यह भी टोन-टोटके, नज़र लगने और वशीकरण से बचाता है।
टोटका हटाने के लिए एक निम्बू लेकर व्यक्ति के ऊपर से २१ बार घड़ी की दिशा में घुमाएं, फिर निम्बू को चार भाग में काट कर फैंक दें।
जन्मकुंडली को देख कर ज्योतिषी यह भी बता सकता है की कौन से उपाय ज्यादा कारगर रहेंगे।
अगर किसी शत्रु ने वशीकरण कराया है और आप को पता हो तो “ह्री” मंत्र की दीक्षा लें और उसकी साधना के बाद, एक कागज़ पर यह अक्षर केसर से लिख कर कवच की तरह प्रभावित व्यक्ति को पहना दें, असर होगा।
वशीकरण खाने के द्वारा भी किया जाता है, बस केवल सतर्कता की बात है। जब भी बाहर खाएं सतर्क रहें, और यह ध्यान में रखें की वशीकरण अभिमंत्रित खाने के पदार्थों के ज़रिये भी किया जाता है। इसलिए हर-किसी के यहाँ न खाएं। अमावस्या को कभी भी मांस न खाएं। पूर्णिमा और अमावस्या को गंगा जल घर पर छिड़कें।
वशीभूत व्यक्ति को १०८ बार सूर्य मंत्र पढ़ने से भी फायदा होगा।  यह मंत्र भी प्रयोग किया जा सकता है –
ओम नमो भगवते श्रीसूर्याय ह्रीं सहस्त्र-किरणाय एं अतुल बल पराक्रमाय नवग्रह दिश दिक पाल लक्ष्मी देवाय, धर्म कर्म सहितायै *वशीभूत का नाम* नाथय नाथय, मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय , दासनुदासं कुरु कुरु वश कुरु कुरु स्वाहा।
हनुमान चालीस पड़ने से भी बहुत लाभ पाया गया है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीस पढें, हो सके तो कंठस्त कर लें ताकि जब परिस्थिति आए आप उसका पाठ कर सकें।

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