मंगलवार, 2 जनवरी 2018

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सोमवार, 1 जनवरी 2018

भाग्य से हो चुके हैं निराश, तो करें ये उपाय

खुशियों और गमों से भरे जीवन में कभी एक ऐसा मोड़ भी आता है जब हम सभी को लगने लगता है कि अब भाग्य ने हमारा साथ छोड़ दिया।
जिस भी काम की ओर बढ़ते हैं वह हाथ से निकल जाता है और फिर एक समय ऐसा भी आ जाता है जब हम हाथ पर हाथ रखकर अपने भाग्य को कोसते हुए गमों के साए में चले जाते हैं। 
उस समय का इंतजार करते हैं कि कब ये बुरा वक्त गुजरेगा और उन्हें इस अंधेरी दुनिया में रोशनी की एक किरण नजर आएगी। 
 
यह तो सभी जानते हैं कि शास्त्रों में हर परेशानी का हल बताया गया है। अपने भाग्य को उज्जवल करने के लिए भी इसमें कई उपाय बताए गए हैं। शास्त्रीय मान्यता द्वारा ये उपाय शनिवार के दिन करना चाहिए।
 
 
शनिवार की रात के दिन सरसों के तेल में सिक्के, गेहूं के आटे और गुड़ से सात पुए तैयार कर लीजिए। इसके बाद 7 आक के फूल, सिंदूर, आटे का दीए में अरण्डी के पत्ते पर रखकर किसी चौराहे के कोने पर रख देँ।
 
रखते समय ये कहें- “हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं, आज से मेरा पीछा ना करना।“ इतना कहते ही हाथ से नीचे रख दें और सीधा निकल आएं। ध्यान रहे कि आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना है। 
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काली मिर्च से करें ये छोटा सा टोटका, बदल जाएगी किस्मत

प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में जल्दी सफलता चाहता है। इसके लिए वह हर तरह के प्रयास करता है। लेकिन अगर वह सफल नहीं होता है तो भाग्य को दोष देता है। काली मिर्च के टोटके से भाग्य बदलने में सहायक होती है। आइए जाने कैसे बदले अपना भाग्य।
ऐसा करने से कुछ ही दिनों बाद धन की वर्षां होने लगती हैं और भी कई प्रकार अच्छे फायदे हमें इस उपाय से मिलने लगते हैं और हमारी आर्थिक स्थिति यदी किसी की नजर लग जाती हैं, जिसके लिए भी यह उपाय कारगार सिद्ध होता हैं।
आपको यदि आपकी जिंदगी में खुशहाली लानी है और अधिक पैसे कमाने है तो आप यह उपाय करें। काली मिर्च के 5 साबूत दानें लें और इन 5 साबूत दानों को अपने ऊपर से 7 बार उसार लें।
यह करने के बाद किसी चौराहे पर या किसी एकान्त स्थान पर जायें और इन्हें चारों दिशाओं में 4 दाने फेंक दें और जो एक काली मिर्च का दाना बचता हैं उसे आकाश में उछाल देवें।
काली मिर्च से प्यार मिलेगा - 
आप 5 दाने काली मिर्च के लेकर किसी सुनसान स्थान या नदी के पास चले जाएँ, अब काली मिर्च के इन दानों को अपने सिर से 21 बार वारकर इनमे से 4 दानों को चारों दिशाओं में फैंक दें। 
एक बचा हुआ दाना आप ऊपर आसमान के तरफ फैंक दें, अब अपने प्रेमी का स्मरण करें। ये एक आसन सा प्रयोग है जिसे आप कभी भी कर सकते हैं, इसे करने के बाद आपके प्रेमी/प्रेमिका पर आपके प्यार का बुखार चढ़ जाएगा और आपको पाने के लिए बेताब हो उठेगा। 
जब भी आप घर से बाहर किसी महत्वपूर्ण काम को करने के लिए निकलें घर के मुख्य द्वार पर एक काली मिर्च का दाना रखें और उस पर पैर रखकर ही घर से बाहर निकलें। 
ऐसा करने से आपको अपने कार्य के मार्ग में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलेगी साथ ही आपका काम शीघ्र ही संपन्न हो जायेगा। इस टोटके को करते समय ध्यान रखें कि आप काली मिर्च पर पैर रखकर बाहर निकल जाने के बाद दोबारा घर में प्रवेश न करें, क्योंकि ऐसा करने से टोटके का प्रभाव उल्टा हो सकता है।
काली मिर्च से धन प्राप्ति के उपाय - 
धन प्राप्ति के लिए काली मिर्च से तीव्र वशीकरण बहुत लाभदायक होता है, काली मिर्च से धन प्राप्ति के लिए आप ये टोटका करें, आप किसी सुनसान स्थान पर काली मिर्च के 5 दाने लेकर चले जाएं। 
अब इन 5 दानों में से 4 दानों को चारों दिशाओं में फैक दें, एक दाने ऊपर आसमान की तरफ फैक दें। अब सीधे घर आ जाएँ और घर आते समय पीछे मुड़कर न देखें, धन प्राप्ति का ये बहुत ही आसान लेकिन बहुत ही कारगर उपाय है। इस उपाय को करने पर आपके लिए धन प्राप्ति के योग बनने लगेंगे।
काली मिर्च से वशीकरण का उपाय
घर के भीतर की नकारात्मक ऊर्जा या बुरी नज़र को दूर करने के लिए भी आप काली मिर्च से तीव्र वशीकरण का प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं। काली मिर्च के 7 या 8 दाने लेकर उन्हें घर के किसी कोने में एक दीये के ऊपर रखकर जला दें, ये प्रयोग करने से घर पर बुरी नज़र से मुक्ति मिल जाएगी। 
काली मिर्च के और भी कुछ खास उपाय
काली मिर्च के टोटके आपको अपने जीवन में वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता करते हैं, काली मिर्च से तीव्र वशीकरण एक अचूक उपाय है। आप अपनी जिंदगी में आने वाली चुनौतियों का सामना करने और नए मुकाम हासिल करने के लिए काली मिर्च के टोटकों का प्रयोग अवश्य करें।
ये टोटके परीक्षित हैं, इनके प्रयोग से लाखों लोगों को फायदा हुआ है और उनकी ही तरह आप भी इनके प्रयोग से अपने ज़िंदगी में ख़ुशी और आनंद की प्राप्ति करें। 
काली मिर्च से किया गया हर टोटका शुद्ध भाव से किया जाना चाहिए, अपने मन में उठने वाले संदेहों को दरकिनार करके ईश्वर का स्मरण करके इन टोटकों का प्रयोग करें आपको निश्चित तौर पर अपने कार्य में सफलता मिलेगी और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलेगी।

लौंग से वशीकरण: सबसे असरदार है 3 लौंग का टोटका

लौंग से वशीकरण एक ऐसा वशीकरण टोटका है जिसकी मदद से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि तांत्रिक क्रियाओं में लौंग से वशीकरण जैसी चीजों को प्राथमिकता दी गई है। 
कुछ लोग लौंग से वशीकरण को मानते भी हैं और कुछ इसे अंधविश्वास का नाम देते हैं। लेकिन कभी न कभी कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जो आपको यह उस प्रक्रिया में विश्वास करने पर मजबूर कर देती है जिसे लौंग वशीकरण टोटका कहा जाता है।
 
आइए जानते हैं लौंग वशीकरण टोटके के बारे में। माना जाता है कि लौंग के टोटके से आप किसी को भी अपने वश में कर सकते हैं।लेकिन लौंग वशीकरण टोटके के बारे में यह हिदायत दी गई है कि यह टोटका आप केवल किसी अच्छे कार्य के लिए करेंगे इसका दुरुपयोग नहीं करेंगे।
 
सबसे पहले 3 लौंग, एक रुई की बाती के साथ 1 कटोरी देसी  घी, माचिस, एक गिलास पानी और एक डिब्बी सिंदूर की रख लेँ। इसके लिए शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा बताया गया है। इस दिन सुबह के समय 3 बजे उठें। स्नानदि करके उपर बताई हुई चीजों को रख लें। 
 
अब 3 लौंग को सिंदूर की डिब्बी में रखें। रुई की बत्ती को घी में डालकर जला लें। फिर लौंग को सिंदूर की डिब्बी से निकालकर उसे एक गिलास पानी में डूबो दें।
 
इसके बाद "ऊं तत भार्वय् नमो नम, या रुद्र या मोहिनी कर, मैं अमन (जिस पर वशीकरण करना हो उसका नाम) सिद्ध नमो स्वाहा" मंत्र का 1100 बार जाप करें।
 
दूसरे शुक्रवार को सिद्ध लौंग में दोबारा 11 बार वशीकरण मंत्र पढ़े और तीसरे शुक्रवार को उस लौंग का इस्तेमाल करें। वशीकरण करने वाले व्यक्ति के आसपास लौंग को रख दें। या फिर उसे आप उसके खाने में दें। इससे वह आपकी बातें मानने लगेगा।
 
लेकिन ध्यान रहे कि यदि किसी गलत इरादे से वशीकरण किया गया है तो उसका बुरा परिणाम आपको स्वयं भुगतना पड़ेगा। 

गायब होने का टोटका

माना कि किसी वस्तु को देखना प्रकाश की किरणों के परावर्तन के सिद्धांत पर निर्भर है, लेकिन सिद्धि और घोर साधना से व्यक्ति यदि चाहे तो अपने शरीर को परावर्तन रहित बना सकता है, जिससे वह देखा नहीं जा सकता है। अर्थात उसपर गिरने वाले प्रकाश-पुंज परावर्तित होने के बजाय अवशोषित हो जाए, तो उसमें अदृश्य हो जाने की क्षमता आ जाती है। अष्टांग योग की बारीकियों को बताने वाले महर्षि पतंजलि ने गायब होने की सिद्धि का उल्लेख अपने ग्रंथ में किया है, जिसमें स्पष्ट लिखा गया है कि व्यक्ति ध्यान कर गायब होने की तकनीकी शक्ति प्राप्त कर सकता है, जिसमें व्यक्ति द्वारा अपने शब्द, स्पर्श, रूप-रंग व रस आदि पर संयम प्राप्त कर लेता है।
कल्पना शक्तिः गायब हो जाना एक तरह से कल्पना शक्ति का ही कमाल है। जब आप किसी वस्तु की मन में कल्पना करते हैं, तब उसकी मस्तिष्क में एक तस्वीर उभरती है। उसके सामने नहीं होने पर भी उसके होने की अनुभूति होती है। उसके रंग-रूप और आकार-प्रकार का अनुभव किया जा सकता है। यदि आप कल्पना करें कि आपका शरीर पारदर्शी कांच के समान बन गया है और इस काल्पनिकता को सामने वाले के मन में स्थापित करने की सफलता हासिल करने पर एक दृश्य-भ्रम की स्थिति बन जाती है, उसमें ही अदृश्यता के भाव शामिल हो जाते हैं और कल्पना को ही हकीकम समझ लिया जाता है। यहीं से सम्मोहन या वशीकरण का ऐहसास होता है, जिसका लाभ विविध समास्याओं से मुक्ति पाने के क्रम में लिया जा सकता है। इसलिए व्यक्ति को अपनी कल्पनाशीलता की पहचान कर और उसे हमेशा सकारात्मक रूख देने की कोशिश करनी चाहिए।
मंत्र का प्रभावः अदृश्यता के लिए उपयोग किया जाने वाला मंत्र हजारों अरबों किमी दूर ग्रह-नक्षत्रों को प्रभावित करता है। इसके जानकार बताते हैं कि मंत्रों के उच्चारण से करोड़ों बार ध्वनि तरंग पैदा की जा सकती है। इसमें गजब की ताकवर ऊर्जा होती है, जो अणुओं को भी छेद कर सकती है। अर्थात मंत्र की शक्ति का प्रभाव किसी ध्वनि के सुने बगैर होता है। जब हम मंत्र जाप करते हैं तब कान से खास तरह की ध्वनि निकलती है। जाप के विभिन्न स्तर होते हैं। एक सुना जाने वाला होता जाप वाचिक कहलाता है, जबकि दूसरा उपंशु में किसी भी तरह की ध्वनि नहीं होती है। तीसरा, मौन या मानसिक जाप होता है। इन सभी में घ्वनि की अलग-अलग शक्तियां होती हैं। इस अधार पर पाया गया है कि जाप में भावनात्मक प्रवाह जिस स्तर का होता है, आंतरिक ऊर्जा का समवेश भी उसकी स्तर का विस्फोटक क्षमता लिए रहता है। यही कारण है कि सामूहिक जाप को विशिष्ट माना गया है। प्रत्येक मंत्र में देवी-देवताओं की शक्ति समाहित होती है।
अदृश्य होने का अघारे मंत्रः तांत्रिक विद्या के अनुसार अदृश्य होने का एक बहुत ही कारगर  अघोर मंत्र बताए गए हैं। वे इस प्रकार हैंः-
ऊँ ह्रीं क्लीं ऐं आसुरी रक्त वाससे अघोर,
अघोर कर्म करिके अदृश्य कुरु कुरु ह्रीं ऐं ऊँ!!
इस मंत्र का जाप तांत्रिक द्वारा बताए गए विधि-विधान से आधी रात्रि में किया जाना चाहिए। इसका प्रयोग मुख्यतः किसी को वशीकरण करने अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ति के लिए किया जाता है।
एकाग्रता बनाम अदृश्यताः किसी वस्तु के अदृश्य हो जाना त्राटक साधना से संभव हो पाता है, जिसमें एकाग्रता बनाए रखने के कई गुण व रहस्य छिपे हैं। इसे आसानी से प्रयोग किए जाने वाले एक उदाहरण से समझा जा सकता है। एक वर्गफुट के सादे कागज के बीच में काली स्याही से एक इंच व्यास की एक गोलाकार आकृति बनाकर उस कागज को एक ड्राईंग बोर्ड पर इस प्रकार टांगें कि आपके पालथी मारकर आरामदायक मुद्र में बैठने की स्थिति में वह बिल्कुल आपकी आंखों के सामने दिखे। कमरे में अब उसके सामने हल्की रोशनी करें। समय रात्रि का हो तो अच्छा है। अर्थात चारो तरफ शांत-एकांत वातावरण बना रहे।
कुछ समय तक उस काले गोले को बगैर पलक झपकाए देखते रहें। इस दौरान मन में किसी भी तरह के बाहरी विचार को नहीं आने दें। कुछ समय में ही आप पाएंगे कि काला गोला चमकीला हो गया है और वह गायब हो गई है। उसे स्थान पर आप वैसे प्रकाश पूंज को निकलता हुआ अनुभव करेंगे, जो आंखों के चुंधिया देगी और आंखों से पानी आने लगेंगे। इसे ध्यान और एकाग्रता के लिए एक अच्छा प्रयोग बताया गया है।
समस्या और समाधानः गायब होने के कुछ अचूक प्रयोग और टोटके व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण होते हैं, जो उसके ध्यान की शक्ति पर निर्भर है। अर्थात अपनी आंतरिक शक्ति को वैदिक और तांत्रिक अनुष्ठानों के जरिए एकाग्रता को सकारात्मक प्रभाव देने वाली ऊर्जा में बदल सकते हैं। आईए जानते हैं कि इसके लिए प्रयोग में अनेवाले तंत्र-मंत्र-यंत्र के द्वारा अपनाए जाने वाले टोटके के बारे में, जिनसे जीवन के हर मोर्च पर  विकट समस्याओं का समाधान मिल सकता है।
  • एक वैदिक मंत्र है- ऊँ श्रीं श्रीये नमः। एकाग्रता और कामकाज के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने वाले इस मंत्र का अगर 108 बार जाप किया जाए और उसके बाद सात वर्ष की कम उम्र वाली कन्याओं का श्रद्धापूर्वक भोजन करवाया जाए तब धन-संपदा और सुख-एश्वर्य की देवी प्रसन्न होती हैं।
  • साधना के चार प्रकर- तंत्र साधना, मंत्र साधना, यंत्र साधना और योग साधना में से किसी एक को साधने को आजमाने के क्रम में विश्वास, श्रद्धा, नियमबद्धता का पालन किया जाना जरूरी है, तो इसके लिए बताए गए मंत्रों की निश्चित संख्या में जाप कर एकाग्रता को बढ़ाया जा सकता है। इस स्थिति में किसी भी समस्या के समाधान को दूर करने का प्रयास सफल हो सकता है।
  • अदृश्य होने की शक्ति का तात्पर्य छिपी हुई क्षमता और योग्यता से भी है। यह ऊँ मंत्र के उच्चारण से भी संभव है। य न केवल मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि रोजमर्रे की जिंदगी में आने वाले तनाव को भी कम करता है। अनिद्रा और उच्च रक्तचाप के शिकार व्यक्ति को पद्मासन में बैठकर ऐसा करना चाहिए। यह अदृश्यता की ओर ले जाने का एक अद्भुत जरिया बन सकता है।

वशीकरण से छुटकारा

कई बार वशीकरण काले जादू की वजह से होता है – तब इस परिस्थिति में काली माँ के मंदिर जाएं और माँ की आराधना,पूजा और आरती करें। टिका पहले माँ को समर्पित करें फिर अपने लगाएं, इससे वशीकरण हट जायेगा।
किसी सिद्ध तांत्रिक से बात कर के उपाय के तौर पर अभिमंत्रित यन्त्र को गले में धारण करें। इससे यन्त्र की ऊर्जा आपको बचाएगी। महाकाली के मंदिर जा करलाल गुलाब का फूल अर्पित करें, १०८ बार या फिर ११ बार चामुंडा माँ का मंत्र उच्चारित करें, इसके बाद में गुलाब की सात पंखुड़ियां जिसके साथ वशीकरण हुआ है उसे खिला दें।
वशीकरण में नज़र लगाना भी आता है क्योंकि वह वशीकरण का एक छोटा अंग है। इंसान जब किसी भूत-प्रेत अथवा नज़र, हाय या बुरी आत्मा के जाल में फंसता है तब उसकी समस्या समाधान करना मुश्किल कार्य होता है। ऐसे में यज्ञ या पूजा से मिले लॉकेट या यन्त्र या फिर ज्योतिषी के दिए यन्त्र कारगर होते हैं।
तंत्र-मंत्र जादू और टोने के लिए और बुरी नज़र एवं वशीकरण के लिए कारगर है और शनि दोष, साढ़े-साती, ढैय्या में लाभदायक और शुभ होता है।
वशीकरण मुक्ति लॉकेट पहनने से वशीकरण, बुरी नज़र एवं तंत्र-मंत्र से बचाव होता है। इनके चमत्कारी प्रभाव से मानसिक सुख शान्ति मिलती है और शारीरिक सुख रहता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, संचार होता है एवं आशावादी सोच बनती है।
बाधामुक्ति कवच एक और सटीक उपाय है, यह पांचमुखी, तेरहमुखी और गणेश रुद्राक्ष के मिलाने से बनाया जाता है और इसका लाभ बहुत है।  तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक है और यह बाधाओं को हटाने में मदद करता है, पांचमुखी रुद्राक्ष रूद्र का प्रतीक है और यह पापों का नाश करने में मदद करता है। यह तापों से भी बचाता है। गणेश रुद्राक्ष गणपति भगवान की तरह विघ्न विनाशक होता है। इसीलिए यह माला अच्छी मानी गयी है।
घोड़े की नाल घर के मुख्य द्वार पर लगाने से नज़र दोष दूर हो जाता है। यह उपाय शनि के सादे साती, ढैय्या और दशा में काफी चलता है। वशीकरण में भी इसका लाभ है। हकीक की माला घर में रखने से और घोड़े की नाल पहनने से भी असर अच्छा होगा।
चाहे जैसा भी वशीकरण हो अगर आपको सामान्य जीवन को ठीक करना सबसे आवश्यक लगता है तो पहले भैरों भगवन की पूजा करें, यन्त्र खरीदें और घर में प्रतिष्ठिट करके उसकी पूजा करें। व्यावसायिक समस्याएँ और तंत्र-मंत्र जादू से बचाव भी हो जाता है। बस आप को नियमित ढंग से इस यन्त्र की पूजा करनी होगी, फिर आपकी समस्या का समाधान हो जाना चाहिए।
गीता पाठ करने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। वशीकरण से मंत्र द्वारा छुटकारा पाने में यह तरीका भी लाभदायक है। गीता यन्त्र की पूजा करें, हो सके तो यन्त्र के सामने पाठ करें, एक पञ्च मुखी रुद्राक्ष माला पे रोज़ ग्यारह बिल्वपत्र चड़ाएं।
इससे गीता की विद्या तो प्राप्त होती ही है, साथ ही घर में सुख का वातावरण बना रहता है। भूत-प्रेत और पितृ दोष भी दूर होता है। हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से, मांगलिक दोष एवं टोना-टोटका और ज़्यादा ज़रूरी वशीकरण का उपाय, हो जाता है।
लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को हनुमान यन्त्र खरीद, प्रतिष्ठित कर, वशीभूत के ऊपर सात बार फेर कर घर के प्राणियों के पास रखने से सबके ऊपर का वशीकरण ख़तम हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है की ग्यारा मुखी रुद्राक्ष साक्षात रूद्र का प्रतीक है। यह ११ रुद्रों जिनका वर्णन वेदों और पुराणों में है का प्रतीक है और शिव जी का प्रतीक है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले का कोई वशीकरण नहीं हो पाता, वह सुख और समृद्धि से जी सकता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी असरदार है क्योंकि यह साक्षात् इंद्र और कार्तिकेय है, जो की शिव जी के दुसरे बेटे हैं। आखिरी रुद्राक्ष जानने के लिए है पंद्रहमुखी रुद्राक्ष जिसे भगवान पशुपतिनाथ का स्वरुप माना गया है। यह भी टोन-टोटके, नज़र लगने और वशीकरण से बचाता है।
टोटका हटाने के लिए एक निम्बू लेकर व्यक्ति के ऊपर से २१ बार घड़ी की दिशा में घुमाएं, फिर निम्बू को चार भाग में काट कर फैंक दें।
जन्मकुंडली को देख कर ज्योतिषी यह भी बता सकता है की कौन से उपाय ज्यादा कारगर रहेंगे।
अगर किसी शत्रु ने वशीकरण कराया है और आप को पता हो तो “ह्री” मंत्र की दीक्षा लें और उसकी साधना के बाद, एक कागज़ पर यह अक्षर केसर से लिख कर कवच की तरह प्रभावित व्यक्ति को पहना दें, असर होगा।
वशीकरण खाने के द्वारा भी किया जाता है, बस केवल सतर्कता की बात है। जब भी बाहर खाएं सतर्क रहें, और यह ध्यान में रखें की वशीकरण अभिमंत्रित खाने के पदार्थों के ज़रिये भी किया जाता है। इसलिए हर-किसी के यहाँ न खाएं। अमावस्या को कभी भी मांस न खाएं। पूर्णिमा और अमावस्या को गंगा जल घर पर छिड़कें।
वशीभूत व्यक्ति को १०८ बार सूर्य मंत्र पढ़ने से भी फायदा होगा।  यह मंत्र भी प्रयोग किया जा सकता है –
ओम नमो भगवते श्रीसूर्याय ह्रीं सहस्त्र-किरणाय एं अतुल बल पराक्रमाय नवग्रह दिश दिक पाल लक्ष्मी देवाय, धर्म कर्म सहितायै *वशीभूत का नाम* नाथय नाथय, मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय , दासनुदासं कुरु कुरु वश कुरु कुरु स्वाहा।
हनुमान चालीस पड़ने से भी बहुत लाभ पाया गया है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीस पढें, हो सके तो कंठस्त कर लें ताकि जब परिस्थिति आए आप उसका पाठ कर सकें।