शनिवार, 23 मार्च 2019

मोहिनी वशीकरण मंत्र

किसी को भी मोहिनी वशीकरण मंत्र का प्रयोग करके वश में किया जा सकता है | आज के इस भौतिकवादी आधुनिक युग में हर व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा रहन-सहन, निर्वाधित जीवनयापन, सुखद संबंध-सरोकार और मधुरता लिए प्रेम-संबंध की मनोकामना करता है। सभी तरह की सुख-सुविधाओं और भौतिक सुखों की कामनाओं की पूर्ति तंत्र-मंत्र-यंत्र के अंतर्गत मोहनी वशिकरण मंत्र से संभव है। व्यक्ति जीवन में सतत प्रेम के प्रवाह को इस मंत्र के जाप और साधना से प्राप्त कर सकता है, तो उसके पिछले पापों का खात्मा भी इसी से संभव है। प्रेमियों के लिए तो मोहिनी  वशीकरण मंत्र अचूक साबित होता है। इस मंत्र के प्रभाव से उनका मनचाहा या कहें मनोवांछित प्रेम अवश्य हासिल होता है। इस बारे में विभिन्न उपायों की चर्च से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि आखिर मोहनी हैं कौन, जिनका आवाह्न और स्मरण मंत्र के जाप मात्र से किया जाता है।
मोहिनी वशीकरण मंत्र
मोहिनी वशीकरण मंत्र
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मोहनी महाशक्ति योगमाया से प्रकट हुई एक अप्रतिम सुंदरता लिए अद्भुत शक्ति की देवी है। इनके प्रकट होने के पीछे की एक कथा भगवन विष्णु और समुद्र के मंथन की घटना से संबंधित है। एक बार जब समुद्र मंथन का कार्य काफी तीब्रता से चल रहा था तब भगवान विष्णु इस बात को लेकर काफी चिंतातुर थे कि देवों के प्रयास को दानवों ने कमजोर कर दिया था। उसी समय महाशक्ति योगमाया प्रकट हुई और उनसे चिंता का कारण जानना चाहा। भगवान विष्णु ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘देवी समुद्र मंथन में देवों पर दानव भारी पड़ रहे हैं। मायावी दानव माया और छल-बल का प्रयोग कर देवों को पराजित कर दे रहे हैं। देवी, मुझे आशंका है कि दानव यहां से निकलने वाले अमृत पर अपना अधिकार न जमा लें या देवों से झपट न लें।’’
महामाया ने कहा, ‘‘भगवन्! आपको तनिक भी चिंता की आवश्यकता नहीं है। इसका उपाय मेरे पास है। मैं आपके शरीर में अति सूक्ष्म रूप में प्रवेश कर जाऊंगी, जिससे आपकी सारी चिंता दूर हो जाएगी।’’ उसके बाद महामाया एक अतिसुंदर रूप धारण कर भगवान विष्णु मे प्रवेश कर गई। उसके परिणाम स्वरूप उनका स्त्री-रूप असाधरण सौंदर्य बिखेरने वाल बन गया। उनके रूप-सौंदर्य को देखकर सारा ब्रह्मांड स्तब्ध रह गया।
विष्णु के नारी रूप में जो सौंदर्य और आकर्षण था वह अद्भुत था। कहते हैं कि भागवान शिव भी इस रूप को देखकर अचंभित हो गए थे। उसी रूपवती ने अपने सौंदर्य, विवेक और बौद्धिकता से दानवों द्वारा छिन लिए गए अमृत कलश को हासिल कर लिया और उससे सभी देवों को अमृत पान करवाया। भगवान विष्णु का वही सुंदर स्त्री-रूप विश्व मोहिनी कहलाई। एसी मान्यता है कि वह समस्त प्राणियों में आकर्षण की क्षमता जगृत करती है।
देवी योगमाया का यह रूप प्रेमी युगल में अटूट प्रेम प्रदान करता है और उन्हें प्रेम-विवाह में सफलता की कामना पूरी होती है। असफल पे्रमियों के लिए देवी माहिनी की साधना बहुत ही फलदायी है। प्रेम में सफलता के लिए वशीकरण मंत्र ‘‘ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः!’’ का जाप शुक्ल पक्ष में गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने किया जाता है। यह जाप तीन महीने तक प्रत्येक गुरुवार को तीन स्फटिक की माला से किया जाना चाहिए। जाप के बाद मंदिर में फूल-प्रसाद चढ़ाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त प्रेमियों के बीच आकर्षण शक्ति बढ़ाने का भी एक मंत्र हैः– ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन बल्लभाय स्वाहाः!
एकादशी के दिन से शुरू किए जाने वाले इस पूजन के लिए विधिनुसार लाल रंग के परिधान में पूरब दिशा की ओर मुख किया जाता है। सामने एक छोटी से चैकी पर लाल कपड़े के ऊपर देवी मोहिनी की मूर्ति या फिर उनके स्थान पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। देवी को श्रृंगार सामग्री के साथ सात किस्म की मिठाई का भोग लगाया जाता है। मूर्ति के ठीक सामने तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है ओर फिर देवी की फल, फूल, दीप, धूप, नैवेद्य, अक्षत से पूजा की जाती है। उसके बाद स्फटिक या मोती की माला से देवी के मंत्र का जाप किया जाता है। इस तरह से सात दिनों तक पूजन के दौरान नौ हजार बार मंत्र का जाप किया जाता है।
मोहिनी वशीकरण सिद्धि मंत्र के जाप के दौरान पे्रमी युगल को कुछ सतर्कता भी बरतने और दूसरे साधारण उपाय करने की भी जरूरत है। वे उपाय हैंः-
  • प्रेमियों को चाहिए कि वे कभी भी शनिवार और अमावस्या के दिन एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं हों। ऐसा कर प्रेमी-युगल आपसी बाद-विवाद या बुरे प्रभाव से अपने प्रेम को बचा लेंगे। कारण इन दिनों में मिलने वे बेवजह का विवाद उत्पन्न हो सकता है।
  • इसी तरह से प्रेमियों को यह कोशिश करनी चाहिए कि उनकी मुलकात शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य हो। यदि पूर्णिमा को शुक्रवार हो तो यह दिन प्रेमियों के मिलन के लिए अत्यंत ही शुभ होता है। इस दिन उनके मिलने से परस्पर आकर्षण बढ़ूता है और प्रेम की मधुरता प्रगाढ़ होती है।
  • प्रेमी द्वारा एमरल्ड यानि पन्ना की अंगूठी धारण करने से प्रेमिका का उसके प्रति आकर्षण में प्रबलता आती है। प्रेमियों को चाहिए कि वे अपने प्रेम की सफलता के लिए एक-दूसरे के कुशलता की कामना सच्चे दिल से करें। किसी धार्मिक स्थान पर सफेद परिधान में जाएं। उस धर्म-स्थल पर चमेली या लाल गुलाब का इत्र के साथ ईश्वर की स्मरण करते हुए अपने प्रिय के आकर्षण की कामना करें।
  • यह उपाय पति-पत्नी के आपसी मरमुटाव को दूर कर सकता है, जो रोजमर्रे की समस्याओं को भी दूर भगा सकता है। इसे स्त्री और पुरुष दोनों के द्वारा किया जा सकता है।
मोहिनी  वशीकरण के लिए साबर मंत्र भी काफी असरकारी होता है। इसके प्रयोग के लिए कोई भी रविवार उपयुक्त है। विधि की शुरुआत रात बारह बजे शांत-एकांत कमरे या खुले में उत्तर दिशा की ओर लाल रंग का आसन बिछा कर की जाती है। आवश्यक सामाग्री के तौर पर दो लौंगी, गूगल या लौबान की अगरबत्ती, दीपक, सरसों का तेल, पांच गुलाब के फूल और पांच किस्म की मिठाई है।
आसन पर बैठकर अपने सामने फूल, लौंग, मिठाई रखें और सरसो तेल का दीपक जलाने के बाद गूगल या लौबान की अगरबत्ती जलाई जाती है। पूजन के इस साधारण तरीके के बाद प्रिय के नाम 41 बार साबर मंत्र का जाप किया जाता है। मंत्र जाप के बाद लौंगों पर फूंक मारना जरूरी है। फिर लौंग को संभालकर रख ली जाती है, जबकि फूल और मिठइयों को नदी में बहा दिया जाता है।
यह प्रक्रिया सात दिनों तक दुहराई जाती है और हर दिन ताजे फूल और मिठाई का उपयोग किया जाता है। सात दिन के बाद संभालकर रखे गए लौंग को वशीकरण करने वाले प्रिय की पीठ पर मारा जाता है। उसके बाद प्रिय का सम्मोन बढ़ना सुनिश्चित है। साबर मंत्र इस प्रकार हैः-
तेल-तेल महातेल! दूखूं री मोहिनी तेरा खेल!!
लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती
दूसरी लौंग दिखाए छाती, रूठे को मना लाए, बैठे को उठा लाए
सोए को जगा लाए, चलते-फिरते को लिवा लाए
आकाश जोगनी, पताल का सिद्ध!
(वश करने वाले का नाम) को लाग लाग री मोहिनी, तुझे भैरों की आन!!
यह मंत्र तभी कारगर साबित हो सकता यदि प्यार को पाने के प्रयास में भी सहजता बनाए रखनी होगी। अपनी प्रेमाभिव्यक्ति की भावना शुद्धता और निःस्वार्थ भाव से जागृत करनी होगी।  वशीकरण का यह मंत्र सुंदर-से-सुंदर स्त्री के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि देवी मोहिनी तनाव मुक्ति और कठिन परिस्थितयों से बाहर निकालने में हर किसी की मदद करती है। CALL - 9812052465

इंद्रजाल वशीकरण मंत्र

वशीकरण के विभिन्न उपायों में तंत्र, मंत्र, यंत्र और टोटके का विशेष महत्व है, जिनका गहरा संबंध इंद्रजाल वशीकरण मंत्र से भी है। इस बारे में कई मान्यताएं और नामाकरण हैं। कोई इसे काला जादू, मायाजाल या तिलस्मी कहता है, तो कोई इसके वशीकरण के अटूट टोटके और उपायों वाला मानता है। वैसे इसमें मायावी या क्षणभर में भ्रमित कर देने वाली अदभुत विद्या का भंडार है, जिसकी बदौलत वशीकरण और सम्मोहन के अतिरिक्त रोजमर्रे की जिंदगी में आने वाली अज्ञात बधाओं को भी दूर किया जा सकता है। इसका असर और सच इसके प्रति अटूट विश्वास पर निर्भर करता है, जो अति प्राचीन काल से किया जाता रहा है।
ऐसी मान्यता है कि इ्रद्रजाल वशीकरण की कल्पना, वर्णन और व्यवहारिक उपयोग भगवान दत्तात्रेय द्वारा की गई थी, जिसका वर्णन चाणक्य के अर्थशास्त्र, ओडिशा के राजा प्रताप रूद्रदेव की बहुर्चित ग्रंथ कौतुक चिंतामणी और सोमेश्वर के मानसोल्लास में भी किया गया है। इसमें तरह-तरह के अचंभित कर देने वाले प्रयोगों को बताया गया है, जिसके लिए घोर साधना, अनुष्ठान और अभियान की आवश्यकता होती है। इसका रहस्य आज की अत्याधुनिकता और विज्ञान प्रदत्त सुविधाओं के बावजूद अनबूझ बना हुआ है। इस विद्या को आत्मसात करना और सहजता के साथ उपयोग में लाना सबके वश की बात नहीं है। यही वजह है कि कोई इसे भ्रमजाल कहता है, तो किसी के लिए महज तिलस्म के सिवाय और कुछ नहीं।
इंद्रजाल वशीकरण
इंद्रजाल वशीकरण
ऐसी जनश्रुति है कि इसके इस्तेमाल से आंख, मन और मस्तिष्क पलक झपकते ही धोखा खा जाते हं। इस विद्या यानि इंद्रजाल के जानकार और उपयोग करने वाले ऐंद्रजालिक कहे जाते हैं। वे इसमें समाहित संपूर्ण तंत्र, मंत्र और यंत्र के विद्वान होते हैं, जिनका उपयोग समस्याओं के सामाधान और हित के लिए करते हैं। उनकी मंशा किसी के अहित करने की नहीं होती है। वैसे उनकी नजर मं यह बौद्धिकता से भरी एक करामाती प्रयोग से असरकारी बनता है, जिनसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की स्थितियां पैदा की जा सकती हैं। यहां दोनों तरह के प्रभाव व्यक्ति विशेष की जरूरतों पर निर्भर करता है। यानि कि जो बातें किसे के लिए बहुपयोगी होती हैं, वही दूसरे के लिए निरर्थक या नुकसानदायक हो सकती हैं। परंतु इसका प्रयोग अगर मानवीयता के विरूद्ध किया जाए तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकारा नहीं जा सकता है।
इंद्रजाल को समझना सरल नहीं है, क्योंकि इसमें वर्णित सारी बातें प्रतीकों, मुहाबरों और संकेतों के जरिए कही गई हैं। हालांकि इनमें वैदिक मंत्र, अभिमंत्रित यंत्र या फिर इस्लामिक टोटके और सीधा वार करने वाले शाबर मंत्रों का अद्भुत संग्रह है। इसमें संकलित भगवान शिव को समर्पित तंत्र – मंत्र – यंत्र के बारे में इसके जनक दत्तात्रेय का कहना है:-
ब्रह्मण काम क्रोध वश रहेऊ,
त्याहिकरण सब कीलित भयऊ,
कहौ नाथ बिन कीलेमंत्रा,
औरहु सिद्ध होय जिमितंत्रा।
इनमें शिव-दत्तात्रेय वार्तालाप के क्रम में भगवान शिव द्वारा बताए गए तांत्रिक प्रयोग हैं, जिससे षटकर्मों (शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चाटन और मारण) में किए जाने वाले तांत्रिक प्रयोगों का संपूर्णता के साथ विवरण दिया गया है। रोग, कृत्य और ग्रह आदि का निवारण शांतिकरण है तथा अधिसंख्य लोगों या बड़ी संख्या में मनुष्यों को वश में कर लेना वशीकरण है। चलते हुए को रोकना स्तंभन और परस्पर मित्रता या मधुर संबंधों की प्रगाढ़ता में दुश्मनी उत्पन्न करन विद्वेश एवं स्वदेश से निकलकर दूसरे देश में जा वसना उच्चाटन कहलाता है। इनके अतिरिक्त जीवधारियों के प्राण लेना मारण कहा गया है। इसके अतिरिक्त इसमें रसायन विज्ञान, औषधि विज्ञान आदि के बारे मं चर्चा की गई है।
इंद्रजाल वशीकरण में यौन-दोष संबंधी स्तंभन, प्रेत-पिशाच, डाकिनी आदि के निवारण संबंधी उच्चाटन और दुश्मन को खत्म करने के मारण जैसे उपाय तक बताए गए हैं। इनसे संबंधित सटीक मंत्र और तंत्र का प्रयोग करने वाले तांत्रिक की अपनी खास विशिष्टता होती है। वैसे इस आधार पर भ्रमित करने वाले अधकचरी जानकारी वाले तांत्रिक की वजह से ही इसे काला जादू कहा गया है, जो अर्थहीन और अहितकारी होता है। रहस्मयी इंद्रजाल के बारे में चाणक्य के अनुयायी कामंदक ने कहा है कि इसके जरिए किसी शासक या राजनेता द्वारा लोगों को सामूहिक तौर पर वशीभूत किया जा सकता है। जबकि यदि उनको अपनी बातें मनवाना असान नहीं है, क्योंकि वे तर्क-वितर्क करते हैं या फिर आक्रमण कर सकते हैं।
इंद्रजाल वशीकरण की साधना सरल इसलिए नहीं है, क्योंकि इसमें तीन तरह की साधनाओं को संपूर्ण विधि-विधान के साथ एकसूत्र में पिरोया जाता है। वे यक्षिणी, अप्सरा और देव की साधनाएं हैं। इसे अभ्यास के साथ-साथ समर्पण से सीखा जा सकता है। इंद्रजाल के संदर्भ में एक और भ्रांति यह है कि यह एक समुद्री पौधे की है, जिसमें पत्तियां नहीं होती हैं। हालांकि यह कुछ पहाड़ी स्थलों पर भी मिलता है, जो मकड़ी के जाल की तरह होता है। इसे दुर्लभ और अमूल्य बताया गया है। इसकी महिमा का जिक्र डामरतंत्र, रावणसंहित और विश्वसार आदि ग्रंथों में पूजा स्थल में रखी जाने वाली वस्तु के रूप में की गई है। मान्यता के मुताबिक इसके विधि-विधान के साथ साफ कपड़े में लपेटकर पूजाघर में रखने से कई तरह के लाभ होते हैं। इसके प्रभाव से घर को भूत-प्रेत, जादू-टोना, बुरी नजर से बचाया जा सकता है। कुछ तांत्रिक इसकी लकड़ी को गले में पहनने की सलाह देते हैं, जिससे आकस्मिक आने वाली या बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
इंद्रजाल तंत्र मंत्र में वर्णित कुछ बातें अजूबा इसलिए लगती हैं, क्यांकि ये चमत्कार जैसे होते हैं।  जैसे- नींबू से खून निकलना। छलनी में पानी जमा हो जाना। अंडे का स्वतः उछल-कूद करना, घंटेभर में पौधे का बड़ा हो जाना, आग में कपड़े का नहीं जलना, देखते ही देखते साफ आकाश में बादल छा जाना इत्यादी। इन सबके पीछे विज्ञान की विविधा शाखाएं काम करती हैं, जिसे सामान्य व्यक्ति नहीं समझ पाते हैं और यह उनको भ्रमित कर देती है। इंद्रजाल पढ़ने या इसके इस्तेमाल संबंधित कुछ तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए जो हिदायतें भी हो सकती हैं। वे इस प्रकार हैंः-
  • इंद्रजाल के मंत्रों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि इस मंत्र से जल को फूंककर किसी को पिलाया जाए तो वह व्यक्ति विक्षिप्त हो सकता है। इसका प्रयोग बगैर किसी मुहूर्त के कभी भी किया जा सकता है। इस बारे में एक दोह है- व्रत तिथिवासर नियम नहीं, हवन नक्षत्तर नहीं, तंत्र मंत्र साधन करैं, शीघ्र सिद्धि हव्ैजाहिं।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को लाल कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। शीघ्र भावना में बह जाने वाले या किसी आत्मा के प्रभाव में आए हुए व्यक्ति को इसका मंत्र नहीं पढ़ना चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को बंद कमरे में पढ़ना चाहिए। खुले आकाश के में पढ़ने से नकारात्मक शक्तियां हावि हो सकती हैं। हालांकि इसके मंत्र को अकेल में पढ़ने का भी नुकसान हो सकता है। मनोभावना कलुषित हो जाती है।
इसके कुछ चर्चित मंत्र इस प्रकार हैं:- 
  1. पुरुष वशीकरणः ओम नमो माहयक्षिणी पतिं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाह। जाप सिद्धि संख्या– 108
  2. राजा-प्रजा मोहिनीः ओम नमो अरुंठनी असव स्थनी महाराज छनी फट् स्वाहा राजा प्रजा के लोग सारे मोहें।
  3. सत्ता प्राप्तिः ओम नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं मही पतिं में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।
  4. रोग नाशकः ओम नमो हिरहराय रसायनसिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा। CALL - 9812052465

इंद्रजाल वशीकरण मंत्र

वशीकरण के विभिन्न उपायों में तंत्र, मंत्र, यंत्र और टोटके का विशेष महत्व है, जिनका गहरा संबंध इंद्रजाल वशीकरण मंत्र से भी है। इस बारे में कई मान्यताएं और नामाकरण हैं। कोई इसे काला जादू, मायाजाल या तिलस्मी कहता है, तो कोई इसके वशीकरण के अटूट टोटके और उपायों वाला मानता है। वैसे इसमें मायावी या क्षणभर में भ्रमित कर देने वाली अदभुत विद्या का भंडार है, जिसकी बदौलत वशीकरण और सम्मोहन के अतिरिक्त रोजमर्रे की जिंदगी में आने वाली अज्ञात बधाओं को भी दूर किया जा सकता है। इसका असर और सच इसके प्रति अटूट विश्वास पर निर्भर करता है, जो अति प्राचीन काल से किया जाता रहा है।
ऐसी मान्यता है कि इ्रद्रजाल वशीकरण की कल्पना, वर्णन और व्यवहारिक उपयोग भगवान दत्तात्रेय द्वारा की गई थी, जिसका वर्णन चाणक्य के अर्थशास्त्र, ओडिशा के राजा प्रताप रूद्रदेव की बहुर्चित ग्रंथ कौतुक चिंतामणी और सोमेश्वर के मानसोल्लास में भी किया गया है। इसमें तरह-तरह के अचंभित कर देने वाले प्रयोगों को बताया गया है, जिसके लिए घोर साधना, अनुष्ठान और अभियान की आवश्यकता होती है। इसका रहस्य आज की अत्याधुनिकता और विज्ञान प्रदत्त सुविधाओं के बावजूद अनबूझ बना हुआ है। इस विद्या को आत्मसात करना और सहजता के साथ उपयोग में लाना सबके वश की बात नहीं है। यही वजह है कि कोई इसे भ्रमजाल कहता है, तो किसी के लिए महज तिलस्म के सिवाय और कुछ नहीं।
इंद्रजाल वशीकरण
इंद्रजाल वशीकरण
ऐसी जनश्रुति है कि इसके इस्तेमाल से आंख, मन और मस्तिष्क पलक झपकते ही धोखा खा जाते हं। इस विद्या यानि इंद्रजाल के जानकार और उपयोग करने वाले ऐंद्रजालिक कहे जाते हैं। वे इसमें समाहित संपूर्ण तंत्र, मंत्र और यंत्र के विद्वान होते हैं, जिनका उपयोग समस्याओं के सामाधान और हित के लिए करते हैं। उनकी मंशा किसी के अहित करने की नहीं होती है। वैसे उनकी नजर मं यह बौद्धिकता से भरी एक करामाती प्रयोग से असरकारी बनता है, जिनसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की स्थितियां पैदा की जा सकती हैं। यहां दोनों तरह के प्रभाव व्यक्ति विशेष की जरूरतों पर निर्भर करता है। यानि कि जो बातें किसे के लिए बहुपयोगी होती हैं, वही दूसरे के लिए निरर्थक या नुकसानदायक हो सकती हैं। परंतु इसका प्रयोग अगर मानवीयता के विरूद्ध किया जाए तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकारा नहीं जा सकता है।
इंद्रजाल को समझना सरल नहीं है, क्योंकि इसमें वर्णित सारी बातें प्रतीकों, मुहाबरों और संकेतों के जरिए कही गई हैं। हालांकि इनमें वैदिक मंत्र, अभिमंत्रित यंत्र या फिर इस्लामिक टोटके और सीधा वार करने वाले शाबर मंत्रों का अद्भुत संग्रह है। इसमें संकलित भगवान शिव को समर्पित तंत्र – मंत्र – यंत्र के बारे में इसके जनक दत्तात्रेय का कहना है:-
ब्रह्मण काम क्रोध वश रहेऊ,
त्याहिकरण सब कीलित भयऊ,
कहौ नाथ बिन कीलेमंत्रा,
औरहु सिद्ध होय जिमितंत्रा।
इनमें शिव-दत्तात्रेय वार्तालाप के क्रम में भगवान शिव द्वारा बताए गए तांत्रिक प्रयोग हैं, जिससे षटकर्मों (शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चाटन और मारण) में किए जाने वाले तांत्रिक प्रयोगों का संपूर्णता के साथ विवरण दिया गया है। रोग, कृत्य और ग्रह आदि का निवारण शांतिकरण है तथा अधिसंख्य लोगों या बड़ी संख्या में मनुष्यों को वश में कर लेना वशीकरण है। चलते हुए को रोकना स्तंभन और परस्पर मित्रता या मधुर संबंधों की प्रगाढ़ता में दुश्मनी उत्पन्न करन विद्वेश एवं स्वदेश से निकलकर दूसरे देश में जा वसना उच्चाटन कहलाता है। इनके अतिरिक्त जीवधारियों के प्राण लेना मारण कहा गया है। इसके अतिरिक्त इसमें रसायन विज्ञान, औषधि विज्ञान आदि के बारे मं चर्चा की गई है।
इंद्रजाल वशीकरण में यौन-दोष संबंधी स्तंभन, प्रेत-पिशाच, डाकिनी आदि के निवारण संबंधी उच्चाटन और दुश्मन को खत्म करने के मारण जैसे उपाय तक बताए गए हैं। इनसे संबंधित सटीक मंत्र और तंत्र का प्रयोग करने वाले तांत्रिक की अपनी खास विशिष्टता होती है। वैसे इस आधार पर भ्रमित करने वाले अधकचरी जानकारी वाले तांत्रिक की वजह से ही इसे काला जादू कहा गया है, जो अर्थहीन और अहितकारी होता है। रहस्मयी इंद्रजाल के बारे में चाणक्य के अनुयायी कामंदक ने कहा है कि इसके जरिए किसी शासक या राजनेता द्वारा लोगों को सामूहिक तौर पर वशीभूत किया जा सकता है। जबकि यदि उनको अपनी बातें मनवाना असान नहीं है, क्योंकि वे तर्क-वितर्क करते हैं या फिर आक्रमण कर सकते हैं।
इंद्रजाल वशीकरण की साधना सरल इसलिए नहीं है, क्योंकि इसमें तीन तरह की साधनाओं को संपूर्ण विधि-विधान के साथ एकसूत्र में पिरोया जाता है। वे यक्षिणी, अप्सरा और देव की साधनाएं हैं। इसे अभ्यास के साथ-साथ समर्पण से सीखा जा सकता है। इंद्रजाल के संदर्भ में एक और भ्रांति यह है कि यह एक समुद्री पौधे की है, जिसमें पत्तियां नहीं होती हैं। हालांकि यह कुछ पहाड़ी स्थलों पर भी मिलता है, जो मकड़ी के जाल की तरह होता है। इसे दुर्लभ और अमूल्य बताया गया है। इसकी महिमा का जिक्र डामरतंत्र, रावणसंहित और विश्वसार आदि ग्रंथों में पूजा स्थल में रखी जाने वाली वस्तु के रूप में की गई है। मान्यता के मुताबिक इसके विधि-विधान के साथ साफ कपड़े में लपेटकर पूजाघर में रखने से कई तरह के लाभ होते हैं। इसके प्रभाव से घर को भूत-प्रेत, जादू-टोना, बुरी नजर से बचाया जा सकता है। कुछ तांत्रिक इसकी लकड़ी को गले में पहनने की सलाह देते हैं, जिससे आकस्मिक आने वाली या बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
इंद्रजाल तंत्र मंत्र में वर्णित कुछ बातें अजूबा इसलिए लगती हैं, क्यांकि ये चमत्कार जैसे होते हैं।  जैसे- नींबू से खून निकलना। छलनी में पानी जमा हो जाना। अंडे का स्वतः उछल-कूद करना, घंटेभर में पौधे का बड़ा हो जाना, आग में कपड़े का नहीं जलना, देखते ही देखते साफ आकाश में बादल छा जाना इत्यादी। इन सबके पीछे विज्ञान की विविधा शाखाएं काम करती हैं, जिसे सामान्य व्यक्ति नहीं समझ पाते हैं और यह उनको भ्रमित कर देती है। इंद्रजाल पढ़ने या इसके इस्तेमाल संबंधित कुछ तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए जो हिदायतें भी हो सकती हैं। वे इस प्रकार हैंः-
  • इंद्रजाल के मंत्रों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि इस मंत्र से जल को फूंककर किसी को पिलाया जाए तो वह व्यक्ति विक्षिप्त हो सकता है। इसका प्रयोग बगैर किसी मुहूर्त के कभी भी किया जा सकता है। इस बारे में एक दोह है- व्रत तिथिवासर नियम नहीं, हवन नक्षत्तर नहीं, तंत्र मंत्र साधन करैं, शीघ्र सिद्धि हव्ैजाहिं।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को लाल कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। शीघ्र भावना में बह जाने वाले या किसी आत्मा के प्रभाव में आए हुए व्यक्ति को इसका मंत्र नहीं पढ़ना चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को बंद कमरे में पढ़ना चाहिए। खुले आकाश के में पढ़ने से नकारात्मक शक्तियां हावि हो सकती हैं। हालांकि इसके मंत्र को अकेल में पढ़ने का भी नुकसान हो सकता है। मनोभावना कलुषित हो जाती है।
इसके कुछ चर्चित मंत्र इस प्रकार हैं:- 
  1. पुरुष वशीकरणः ओम नमो माहयक्षिणी पतिं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाह। जाप सिद्धि संख्या– 108
  2. राजा-प्रजा मोहिनीः ओम नमो अरुंठनी असव स्थनी महाराज छनी फट् स्वाहा राजा प्रजा के लोग सारे मोहें।
  3. सत्ता प्राप्तिः ओम नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं मही पतिं में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।
  4. रोग नाशकः ओम नमो हिरहराय रसायनसिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा।      CALL 9812052465

लहसुन की कलियों से वशीकरण करने का मंत्र उपाय टोटका

लहसुन से वशीकरण कैसे किया जाता है? लहसुन जिसे हम सब एक बहुत ही अच्छी औषधि के रूप में देखते है। इसका इस्तेमाल शरीर के बहुत से रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। पर कई बार रोग सिर्फ शारीरक रूप मे नहीं होते। आजकल मानसिक तौर पर लोग ज्यादा परेशान रहते है और इस वजह से वो किसी-न-किसी प्रकार का उपचार खोजते रहते है। वैसे क्या आप जानते है कि लहसुन के उपयोग से आप कुछ ऐसे टोटके भी कर सकते है, जो आपके कष्टों को दूर करते है। चलिए तो हम आपको ऐसे ही कुछ टोटके के बारे मे बताते है जिसे लहसुन के प्रयोग से आप कर सकते है।
लहसुन की कलियों से वशीकरण करने का मंत्र उपाय टोटका
लहसुन की कलियों से वशीकरण करने का मंत्र उपाय टोटका
महिलाए अक्सर अपने-अपने घरों से दरिद्रता को दूर करने के लिए बड़े ही नियमित रूप से रोज पूजा-पाठ करती है। व्रत भी रखती है। पर फिर भी देखा गया है कि घर मे एक अशांति का माहोल रहता है। ऐसे मे यदि लहसुन से बर्तनों को साफ किया जाए तो kitchen मे सकरातमक ऊर्जा आती है।
आजकल बहुत से लोग sleep disorder यानि रात को नीद न आने की समस्या से झूझ रहे है। ऐसे मे लहसुन आपकी मदद कर सकता है। आपको करना बस इतना है कि रात को सोते समय अपने तकिए के नीचे लहसुन रख ले। इस टोटके से आपको अच्छी नीद आएगी और आप बेहतर महसूस कर सकेंगे।
लहसुन की कलियों से वशीकरण एक और उपाय आप कर सकते है। यदि आप लहसून को अपनी जेब में रखते है तो इससे आपके जीवन मे good luck यानि सौभाग्य आता है। ऐसा करने पर आप महसूस करेंगे कि आपके आस-पास चीजे सही होती जा रही है और आप पहले के मुक़ाबले ज्यादा प्रसन्न रहने लगते है।
वैसे वशीकरण करने के कई तरीके होते है। उनमे से एक तरीका लहसून की मदद से भी किया जा सकता है। इस उपाय को बुधवार के दिन करे। इस दिन आप काले रंग का एक नया कपड़ा ले। फिर 2-4 लहसून की कलियों को उसमे रखकर बांध दे। रात को सोने से पहले इस कपड़े को अपने तकिये के नीच रख दे। फिर अगले दिन शुबह 5 बजे उठकर, उस कपड़े को लेजाकर किसी खाली स्थान पर एक नीम के पेढ़ पर लटका दे। ये सब करते वक़्त आप उस व्यक्ति का नाम ले जिसको अपने वश मे करना चाहते है। जल्द ही आपको इस उपाय का असर दिखने लगेगा।
ऐसे ही एक और उपाय है। इसको करने के लिए आप लहसून की 5 कालिया ले और साथ मे गेंदे का एक फूल। अब शनिवार के दिन शाम 5 बजे, इन दोनों चीजों को लेजाकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दे। पेड़ के नीचे इन्हे रखते वक़्त जिस व्यक्ति को अपने वश मे करना चाहते है उसका नाम ले। ऐसा करने के बाद आप फिर सीधा वहाँ से चले जाए। लेकिन ध्यान रखे की जाते हुए आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना है। कुछ दिनों मे आपको इस उपाय का असर दिखने लगेगा।
कई बार इंसान किसिकों बड़ी सिद्दत से चाहता है, पर उसे उसका प्यार नहीं मिल पता। ऐसे मे हम आपको यहाँ एक ऐसा वशीकरण तरीका बता रहे है, जिसकी मदद से आप अपने प्रेमी या प्रेमिका को पा सकते है। इस उपाय को करने के लिए आपको लहसुन की मदद लेनी होती है। सबसे पहले आप छिले हुए लहसुन की 7 कालिया ले, फिर उसपर लाल सिंदूर से टीका लगा दे। इसके बाद उन कलियों की एक माला बना ले। माला बनाते हुए उस व्यतकी का नाम लेते रहे जिसको पाने के चाह आप रखते है। ये उपाय आपको 2 दिन करना होगा। यानि 2 मलाए बनानी होंगी। इस उपाय को आप शाम के 5 बजे के बाद ही करे और ध्यान रखे की विधि पूर्ण हो जाने के बाद माला को घर से दूर ले जाकर किसी भी पेढ़ पर लटका दे। एक और बात का ध्यान दे की ऐसा करते हुए आपको कोई न देख रहा हो।
एक उपाय ऐसा भी जिसमे आपको लहसुन के साथ नींबू की ज़रूरत पड़ती है, और इसे मंगलवार के दिन करना उचित होता है। उपाय को किसी सुनसान स्थान पर शाम के 5 बजे के बाद ही करे। सुनसान स्थान पर जाकर आप पहले जमीन पर एक छोटा गड्डा खोद ले और उसमे 2 लहसुन की छिली हुई कालिया डाल दे। फिर नींबू को बीच से काट ले। इसके बाद आप नींबू को उसपर नीचोड़ते हुए उस व्यक्ति का नाम लेते रहे, जिसे वश मे करना है। आप कामना करे की वो व्यक्ति आपके वश मे हो जाये।
लहसुन की कलियों से वशीकरण की एक और आसान विधि बताते है। जिसे करने के लिए आपको गुथे हुए आटे की अवश्यकता होगी। फिर लहसुन की 7 छिली हुई कालिया ले। अब एक-एक करके उन सातों कलियों को आटे मे मिला दे या उनकी गोलीय तैयार कर ले। ये काम आप गुरुवार के दिन शाम को 5 बजे के बाद करे। तैयार की हुई गोलियों को आप कही बहते हुए पानी मे बहा दे। बहाते हुए उस व्यक्ति का नाम ले, जिसको आप अपने वश मे करना चाहते है। इस आसान से उपाय से आप किसिकों भी अपने अंदर नियंत्रित कर सकते है।
ऊपर बताए गए उपायों को देखने-पढ़ने के बाद आप अब ज़रूर सोचने लगे होंगे की घर के kitchen मे हर वक़्त पाया जाने वाला लहसुन आखिर इतना काम का हो सकता है। ये न सिर्फ सेहत के काम आता है, बल्कि वशीकरण व टोटके विद्या मे भी असरदार चीज़ है। बहुत से लोग सेहत की अलावा उन चीजों से जूझ रहे होते है, जिसके अंतर्गत खुद उनपर किसिने काला जादू किया होता है, या कुछ लोग किसिकी बुरी नज़र का शिकार हो जाते है। ऐसे मे ये विद्या मदद्गार होती है। पर ध्यान रखे की किसी भी इंसान पर बिना बात के किया गया टोटका या वशीकरण स्वय के लिए ही नुकसानदायक सिद्ध होता है। तो कोई भी काम सतर्क रहकर करे। किसी भी समस्या के लिए गुरु जी परामर्श करे |
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मोर पंख से वशीकरण का उपाय तंत्र टोटका प्रयोग

मोर पंख से वशीकरण का उपाय तंत्र टोटका प्रयोग कैसे किया जाता है? मोर पंख से वशीकरण उपाय तंत्र प्रयोग। मोर पंख आसानी से प्राप्त होने वाली एक वस्तु है जिसका उपयोग आप वशीकरण में आसानी से कर सकते हैं। लीजिए, यह रह वशीकरण के उपाय और तंत्र प्रयोग-
मोर पंख से वशीकरण का उपाय तंत्र टोटका प्रयोग
मोर पंख से वशीकरण का उपाय तंत्र टोटका प्रयोग
  १)  किसी से आप अगर बहुत ज्यादा परेशान हो रहे हो और उसे वश में करना चाहते हो तो मोर पंख से वशीकरण उपाय तंत्र प्रयोग कर आप उसे वश में कर सकते हैं। इस वशीकरण के लिए आपको एक मोर पंख और हनुमान जी की मूर्ति के मस्तक से थोड़ा सा सिंदूर लेना होगा। अब आप जिस व्यक्ति को अपने वश में करना चाहते हैं उसका नाम इस सिंदुर से मोर पंख के ऊपर लिखे और इसे अपने पूजा स्थान में रखे किसी भी शनिवार या मंगलवार के दिन। दुसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किए बगैर इस पंख को किसी बहते हुए पानी में बहा दे। यह क्रिया करते समय किसी से बात भी नहीं करनी है यह ध्यान रहे। ऐसा करने से बड़े से बड़ा शत्रु भी आपके वश में हो जाएगा।
*   इस प्रयोग के अंतर्गत ऐसा भी कर सकते हैं–शनिवार या मंगलवार के दिन मोर पंख लेकर किसी हनुमान जी के मंदिर जाए। फिर मोर पंख के डंडे से हनुमान जी के मस्तक का सिंदूर लेकर घर चले आए। अब सिंदूर को आप अपने मस्तक में बिंदी के रूप में लगाएं और जिसे वश में करना हो उसके पास जाए।
२) अगर आपका बच्चा आपकी बात को एकदम नहीं मानता है, बहुत ज्यादा जिद करने लगा है तो आप मोर पंख से उसका वशीकरण कर सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक दिन मोर पंख से बने हुए पंखे से बच्चे को हवा दे। आप मोर के पंख को अपने सीलिंग फैन के ऊपर भी चिपका सकते हैं। इससे बच्चे का जिद कम हो जाएगी और वह आपके वश में होने लगेगा।
३)  एक मोर पंख, पीला कपड़ा, जिसे वश में करना हो उसकी एक छोटे साइज की तस्वीर, एक छोटे ग्लास में पानी इत्यादि सामग्री तैयार कर ले। अब आप मोरपंख के ऊपर फोटो को रखें और थोड़ा सा पानी उस पर छिड़कते हुए नीचे दिए गए मंत्र का ११ बार पाठ करें। मंत्र है– “हरे राधे श्याम कृष्णा मोहित मोहिनी करो स्वाहा”। अब पीले रंग के नए कपड़े में फोटो और पंख बांध कर अपने पास रख ले। जिस व्यक्ति को आप को वश में करना है उससे मिलते समय आप इसे अपने पॉकेट में रखे और इस बात का उस व्यक्ति को कतई पता नहीं चले। अब उस व्यक्ति से नजर से नजर मिला कर बात करें वह धीरे-धीरे आपसे  प्रभावित होने लगेगा। ३ दिनों के बाद आपको वशीकरण  के प्रभाव का पता चल जाएगा। अब आप लपेटी हुई वस्तु को घर के किसी कोने में रखकर इसके ऊपर किसी वजनी वस्तु को रख दे। जितने दिन तक यह मोर पंख दबा रहेगा उतने दिन तक वह व्यक्ति आपके बस में रहेगा। अगर आप इस कपड़े, मोरपंख और फोटो को पानी में डाल देते हैं तो वशीकरण का प्रभाव खत्म हो जाएगा। वशीकरण मंत्र प्रयोग करने के लिए आप कोई भी समय, दिन का चयन कर सकते हैं।
*   मोर पंख से वशीकरण उपाय तंत्र प्रयोग में ऊपर वाले दिए गए मंत्र को आप एक अन्य तरीके से भी प्रयोग कर सकते हैं। यह प्रयोग है– कामाख्या मां का दीपक और दो मोर पंख ले। एक मोर पंख को लेकर अपना नाम बोले और दीपक के ऊपर से पाँच बार घुमाकर सीधा करके इस रख दे। अब दूसरा पंख ले और जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं उसका नाम लेते हुए पांच बार दीपक के ऊपर से घुमाकर इसे उल्टा करके पहले वाले मोर पंख के ऊपर रख दे। ध्यान रहे कि डंडी की तरफ डंडी और ऊपर के चक्र वाले भाग की तरफ चक्र वाला भाग ही उलट कर रखें और दीपक के ऊपर से घुमाते वक्त मोर पंख जलने नहीं चाहिए। अब आप एक दूसरे के ऊपर रखे हुए मोर पंख को हाथ से दबा कर ऊपर दिए गए मंत्र-”हरे राधे श्याम…..” का १११ बार जाप करें। इसके पश्चात इसे आप लाल धागे में बांधकर बबूल के पेड़ में जितना हो सके उतना ऊँचा बाँध दे। वशीकरण का प्रभाव जल्द ही पड़ेगा।  हां, एक बात जरूर ध्यान रखें कि जब आप मंत्रोच्चारण का काम करें १२:०० और १२:१५ के बीच करें और दूसरे दिन भी इसी वक्त के बीच में पंख को पेड़ से बांधे।
४) मोर पंख से वशीकरण उपाय तंत्र प्रयोग का एक अत्यंत ही सरल प्रयोग– जिसे वश में करना है उसका फोटो, एक मोर पंख,  मौली और  सफेद रंग का एक नया लिफाफा ले। मोर पंख के ऊपर फोटो रखकर इसे मौली से बांधे। अब इस बंधे हुए मोर पंख और फोटो को एक लिफाफा में डालकर मोड़कर किसी पुस्तक के अंदर रखे या किसी वस्तु से दबा दें। व्यक्ति आपके बस में रहेगा।
मोर पंख के अन्य उपाय और तंत्र प्रयोग–
  • आपके घर का मुख्य द्वार वास्तु विरोधी है और आप इससे होने वाली परेशानी को दूर करना चाहते हैं तो आप एक मोर पंख लेकर मुख्य द्वार के ऊपर बाँध दे। आपका घर का वास्तु दोष दूर हो जाएगा।
  • अगर किसी बच्चे या बड़े को डर लगे और उससे उसे छुटकारा पाना है तो उसे चाँदी के ताबीज में मोर पंख रख कर पहनना चाहिए। इससे फायदा होगा।
  • अगर आपके कोई आते हुए धन में रुकावट पैदा हो रही हा तो अपनी तिजोरी में मोर पंख को स्थान देना होगा। ऐसा करने से आने वाले धन के मार्ग में आने वाली बाधा दूर होगी।
  • आपके घर में परेशानियों ने घर बना लिया है तो उसे दूर करने के लिए घर के अग्नि कोण में मोर पंख रखें। परेशानियां बाहर भाग जाएगी।
  • किसी के अगर कालसर्प योग है तो उसे चांदी के ताबीज में मोर पंख डालकर गले में धारण करना चाहिए। इस योग से छुटकारा मिलेगा।
  • कालसर्प योग से ग्रसित व्यक्ति अगर अपने तकिए में ७ मोर पंख रखकर सोए तो भी कालसर्प योग दूर हो जाता है। यह क्रिया सोमवार के दिन को करें।
  • किसी राधा-कृष्ण के मंदिर जाए। वहाँ पर मोर पंख की स्थापना करें। आप ४० दिनों तक प्रतिदिन इसकी पूजा करें। ४० दिनों के बाद इस पंख को अपने घर ला कर पूजा-स्थल पर स्थापित कर दें। इससे आपके घर की सारी बाधाएं दुर होकर सुख शांति की प्राप्ति होगी, रुके हुए काम पूरे होगे और साथ ही साथ धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी।
  • ११ मोर पंख का एक पंखा बनाएं। इसे आप अपने शयनकक्ष के वार्डरोब के पश्चिमी दीवार पर लगा दे। घर में शांति रहेगी।  CALL - 9812052465

उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके कैसे किया जाता है जाने इसे बनाने की विधि कैसे करते हैं

आज आप जानेंगे एक नायाब चीज़ से वशीकरण के मंत्र टोने टोटके यानि उल्लू के पंख से वशीकरण कैसे किया जाता है? आज हम आपको यहाँ पर उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके बता रहे हैं जो आपके लिए फलदायक होंगे। बस इन मंत्र उपायों को अपनाते समय इस बात का ध्यान रखना है कि कोई भी कुत्सित विचार से इन्हें ना आजमाए। बुरी भावना से इन उपायों को अपनाने से करने वाले का बहुत ही अहित होने की संभावना है। अतः इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए ही नीचे दिए गए उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके को आजमाया जाय। यह है-
उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके
उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके
१) उल्लू का एक पंख, जिसे वश में करना है उसकी तस्वीर, कुमकुम, दो मिट्टी के दिए, सरसों तेल, रुई की बत्ती इत्यादि सामग्री इकट्ठा कर ले। अब मंगलवार की रात १२:०० बजे आपको यह वशीकरण प्रक्रिया करनी है। इसके लिए सबसे पहले आप उल्लू के पंख को शुद्ध कर ले। तस्वीर को अपने सामने रखें। पंख को कुमकुम में डाल कर तस्वीर के आगे उसका नाम लिखें। इसके पश्चात रूई की बाती बनाकर दीपक में सरसों तेल डालें और दीपक जलाए। अब नीचे दिए गए मंत्र का १०८ बार जाप करें। जाप करते समय पूरा ध्यान उस व्यक्ति की तरफ रखें जिसे आप बस में करना चाहते हैं अर्थात इस वक्त आपने जिसकी तस्वीर अपने सामने रखी है। जाप संपूर्ण होने के बाद इस तस्वीर को  किसी सुनसान स्थान पर जाकर जला दे। मित्रों उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके में यह बहुत बलवान किंतु सरल उपाय है। मंत्र है– “ओम नमो विशिवंती बवश वषम वशीकरण वषम कीरू कुटी हुरू कुरू स्वा:”
२) उल्लू के पंख को जला लें। अब कसूरी के साथ इस राख को पीस कर मिला लें। इस पेस्ट को अपने शरीर में लगा ले। वशीकरण के लिए यह एक अचूक उपाय है।
३) पूर्णिमा वाले दिन उल्लू का एक पंख ले। इसको गंगाजल से धोकर शुद्ध करें। शुद्ध करते समय “ओम नमः लक्ष्मी वाहनाए उल्लू पक्खिय, मम् मनोस्कामना पूर्ण कुरु कुरु श्रीं श्रीं श्री ऋं ऋं ऋं क्लीं क्लीं फट् स्वाहा” मंत्र का ३ बार जाप करें। अगली पूर्णिमा को रात को इस पंख का धूप-दीप से पूजन करे तथा इसके सामने “ओम जन जन मोहिनी शक्ति कामाख्या देवी नमो श्री फट् स्वाहा” मंत्र का १६ बार जाप करें। अब इस पंख को ताबीज में डाल कर गले में या हाथ में पहन ले। जिसे वश में करना चाहते हैं उसके सामने यह ताबीज पहन कर जाएं। चमत्कारी फल की प्राप्ति होगी यह निश्चित है।
४) एक सफेद कपड़ा, ४ निंबू, सिंदूर, उल्लू का पंख, चार बड़े मिट्टी के दीपक इत्यादि समान इकट्ठा कर ले। वशीकरण करने की विधि में सर्वप्रथम उल्लू का पंख ले। उस व्यक्ति का ७ बार नाम लेते हुए जिसे आप वश में करना चाहते हैं इस पंख को अपने सर के ऊपर से सात बार घुमाए। इसके पश्चात पंख को सिंदुर में डालकर उससे सफेद कपड़े पर चार बार संबंधित व्यक्ति का नाम लिखें साथ ही साथ चारों निंबू पर भी उसी  व्यक्ति का नाम लिखें। श्मशान घाट जाए रात्रि को १२:१५ बजे और कपड़े पर लिखे गए चारों नाम के ऊपर चारों दीपक जला कर उसमें एक-एक नींबू डालें। इसके पश्चात नीचे दिए गए मंत्र का चालीस बार जाप करें। मंत्र है– “ओम क्लिन्म पतनं (व्यक्ति का नाम) अहम वश्यं मम करुणंतं घछणं” । इस क्रिया को करने के पश्चात घर की तरफ लौट चलें, इसे घूमकर वापस ना देखें तथा घर आकर स्नान कर ले।
५) उल्लू का एक पंख और संबंधित व्यक्ति की फोटो ले ले।  पंंख पर सिंदूर छिड़के और “ओम नमः श्री महालक्ष्मी नम:’ मंत्र का उच्चारण करें। वापस पंख में सिंदूर डालें और मंत्र का जाप करें। इस तरह ग्यारह बार पंख पर सिंदूर डालें और ११ बार मंत्र का जाप करें। अब फोटो के ऊपर पंख रखें और फोटो को मोड़ ले। फोटो को इस तरह मोड़े कि पंख उसके अंदर रहे। अब किसी भारी वस्तु से इसे दबा दें। जिस व्यक्ति का आपने फोटो लिया है वह व्यक्ति आपके बस में रहेगा। उल्लू के पंख से वशीकरण मंत्र टोटके में यह एक खतरनाक प्रयोग है इसका सावधानी से प्रयोग करें।
६)  उल्लू का पंख, कौवे का पंख, गौरचन और गुलाब जल ले। दोनों पंख को जला कर उसका भष्म बना ले। इसमें गोरोचन और गुलाब जल मिलाकर एक पेस्ट बनाए। अब इस पेस्ट का तिलक लगाए। ऐसा आपको ४१ दिनों तक लगातार करना है। आप देखेंगे कि आपका मान बढ़ने लगा है और सभी आपके वश में होने लगे हैं।
७) वट वृक्ष की जड़ वाली मिट्टी, लाल सिंदूर और उल्लू का पंख ले। सबसे पहले पंख के ऊपर मिट्टी से तिलक करें फिर उसके ऊपर सिंदूर से तिलक करे। तिलक करते समय पूर्ण विश्वास रखें कि आपका कार्य सिद्धि होगा अन्यथा यह क्रिया व्यर्थ चली जाएगी। अब आप इस पंखों को उस व्यक्ति के घर के सामने किसी खाली स्थान पर गाड़ दे जिसे आप वश में करना चाहते हैं, आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। यह कार्य करते समय किसी को पता ना चले इस बात का ध्यान रखें।
यहां हम आपको बता देना चाहते हैं कि पंख का प्रयोग करने के लिए या पंख पाने के लिए आप इस इस पक्षी का वध ना करें। वध कर पंख पाना सरासर अपराध है। आपको अगर इसका पंख पाना है तो यह जहां रहता है उस स्थान पर निगाह रखे। दो-चार दिन ध्यान रखने पर आपको उसके गिरे हुए पंख वहां पर मिल जाएंगे। आपको इन्हीं में से कोई पंख उठाकर प्रयोग करना है। इसको जबरदस्ती न तोड़ना है न इसकी हत्या नहीं करनी है।  CALL - 9812052465

तिलिस्मी दुनिया का वशीकरण मंत्र जादू टोना टोटका

ये है तिलिस्मी दुनिया का वशीकरण मंत्र व काला जादू मोहिनी मंत्र टोना टोटका कुछ ऐसे उपाय है जिनकी मदद से इंसान हैरान कर देने वाले नतीजे देख सकता है। दुनिया के हर कोने मे इंसान किसी न किसी समस्या से झूझ रहा होता है। चाहे घर-परिवार मे होने वाले कलेश हो, या प्यार का हासिल न होना हो, या फिर नौकरी का न मिलना हो, या फिर हर काम में मिलने वाली विफलता हो। इन सभी करणों से व्यक्ति परेशान रहता है। तो ऐसे मे वो तिलिस्मी दुनिया मे बताए गए वशीकरण मंत्र व जादू-टोटके के माध्यम से अपनी परेशानियों को ख़तम कर सकता है, बिना किसिका अहित किए। तो चलिये जानते है ऐसे ही कुछ वशीकरण विधियों के बारे मे।
तिलिस्मी दुनिया का वशीकरण मंत्र जादू टोना टोटका
तिलिस्मी दुनिया का वशीकरण मंत्र जादू टोना टोटका
यदि आपको किसी स्त्री से बेहद प्रेम है पर वो आप पर ध्यान नहीं दे रही तो ऐसे मे नीचे बताए जाने वाला उपाय आपकी मदद कर सकता है। बस ध्यान दे की आपका प्रेम उसके लिए सच्चा हो और आपके मन मे उसके लिए किसी प्रकार की गलत भावना न हो। मन की पवित्रता का होना बेहद ज़रूरी है। क्यूंकी आजकल लोग attraction को भी सच्चा प्यार समझ बैठते है। यही बात आपको समझनी होगी। तो इस उपाय को करने के लिए आपको एक काला कपड़ा चाहिए होगा, साथ मे एक गुड़िया व जिसे वशीभूत करना है, उसकी एक फोटो। इस विधि को किसी भी दिन किया जा सकता है, पर सिर्फ रात के समय 12:15 से लेकर 12:45 के बीच ही करे।
क्रीड कुड कल्याणी (व्यक्ति का नाम) मम वषयं कूर्म स्वाहा”। अब शरीर पर काले रंग का कपड़ा डालकर व उस गुड़िया मे उस व्यक्ति की फोटो रख दे। बताए गए मंत्र को एक मिनट मे कम से कम 12 बार पढ़े। ध्यान देने वाली बात ये है कि आप एक व्यक्ति पर इस विधि को दुबारा न करे, यानि इसे दोहराए नहीं। यदि कोई स्त्री इसका प्रयोग कर रही है तो उसको ध्यान रखना होगा की मासिक धर्म के दौरान इस विधि को बिलकुल न करे। इस विधि के सम्पन्न होने पर आपको असर नज़र आने लगेगा।

इस उपाय के माध्यम से आप किसीको भी अपने वश मे कर सकते है। इस विधि को करने के लिए एक नींबू ले, एक काला कपड़ा ले, लोहे की कील ले व सिंदूर ले ले। अब काले कपड़े को लकड़ी के एक पाटे पर बिछा ले। फिर सिंदूर से उसपर उस व्यक्ति का नाम लिखे जिसे वश मे करना चाहते है। इसके बाद 4 घी के दीये जलाकर कपड़े के चारों कोनों मे रख दे। फिर नींबू को हाथ मे पकड़कर इस मंत्र का 27 बार जाप करे। मंत्र है: “ॐ नमोह आदिरुपए (व्यक्ति का नाम) अकर्षणं कुरु कुरु स्वः”। मंत्र जाप के बाद नींबू को उस नाम पर निचोड़ दे। फिर कपड़े को मोड़कर रख ले व दक्षिण दिशा मे दीवार पर उस कील की मदद से लटका दे। इस उपाय को आप 14 दिन तक करे, पर ध्यान दे की इन दोनों मांस या मदिरा का सेवन न करे।

एक हाथ लंबा सफ़ेद कपड़ा ले व 100 ग्राम साबूत हल्दी ले। फिर उसको पीसकर पाउडर बना ले और एक लिटर पानी मे भिगो दे। इसके बाद उस कपड़े को इस पानी मे डाल दे। अगर कपड़े को सुबह पानी मे डाला है, तो शाम को निकाल ले, और यदि शाम को डाला है तो उसे अगली सुबह पानी से निकाल ले। इसके बाद आपको उस कपड़े से 40 बत्तीय बनानी होगी। उसके बाद सबको सूखा ले। अब जिस भी व्यक्ति पर भूत-पिचास का साया है, या जिसपर भी समस्या है उसके कमरे मे रोज 40 दिनों तक इन बत्तियों को एक-एक करके जलाए। रात के वक़्त ही जलाए और आप कोई एक timing fix कर ले। ऐसा करके जल्द ही वो व्यक्ति समस्याओं से बाहर निकल आएगा।

किसिकों अपने वशीभूत करने की इच्छा के अलावा भी कई ऐसे मामले होते है की व्यक्ति खुद के मामलों से परेशान होता है, चाहे वो धन संबंधी हो या सेहत संबंधी। हर घर मे बीमारी का होना आम है।
कई बार महीनों तक दवाईया खाने के बाद भी सेहत मे कोई सुधार नहीं दिखता, तो कई बार ऐसा लगता है कि मानो किसिकी नज़र लग गई हो। ऐसे मे आप इस सरल से उपाय को करके देख सकते है। एक जंगली पौधा होता है, जिसका आक, आकडे के नाम से जाना जाता है। यह जंगल से लेकर आजकल तो शहरों मे भी कही नज़र आ सकता है। इस पौधे की जड़ का एक छोटा सा हिस्सा लेकर उसका ताबीज़ बना ले। पर धागा काले रंग का इस्तेमाल करे। फिर अपने गले मे धारण कर ले। ऐसा करके आपके शरीर मे पॉज़िटिव energy आएगी व आपकी सेहत भी सुधरने लगेगी।

अब एक ऐसा टोटका भी आप जान ले जिसकी मदद से आप अपने प्रेमी या प्रेमिका को हासिल कर सकते है। इसको करने के लिए आप अपने दाएं हाथ पर चन्दन से अपने प्रेमी या प्रेमिका का नाम लिख ले व बाएँ हाथ पर खुद का नाम लिख ले। ऐसा करने के बाद गणेश भगवान के मंदिर चले जाएं और अपने दोनों हाथों से उनके चरणों को छूकर अपनी मनोकामना उनके सामने रखे। इस सरल से उपाय को आप 5 बुधवार करें।

अब हम आपको एक अनोखा उपाय व टोटका बता रहे है, जिसे आप रविवार को रात 1 बजे के करीब करे। इसको करने के लिए आपको रुई की ज़रूरत होगी। जिसमे आप थोड़ी सी आकाश बेल को लपेट दे, फिर एक दीये मे रखकर उसमें चमेली का तेल डाल दे। अब उस बत्ती को जला दे। दिया जलाने के बाद उसके पास पान का पत्ता, इत्र, मिठाई व 2-3 तरह के फूल ज़रूर रख दे। जलते हुए दीये के ऊपर एक और दिया रखकर आप उसका काजल जमा करले। बाद मे उसमे सरसों या चमेली का तेल मिला ले, ताकि काजल आसानी से लगाया जा सके। इस काजल को लगाने के बाद आप जिसके सामने जाएंगे वो आपसे आकर्षित हो जाएगा। यानि मिया-बीवी के बीच लड़ाई-झडगों को सुलझाने मे यह उपाय मददगार हो सकता है।
तो यह थे तिलिस्मी दुनिया के कुछ वशीकरण मंत्र व जादू टोना-टोटका। जिनकी मदद से आप अपने जीवन मे आने वाली रोजमरा की मुसीबतों से छुटकारा पा सकते है।   CALL - 9812052465