आकर्षण मंत्र के प्रयोग से किसी भी प्राणी को अपने वश में कर सकते है और उसको अपनी तरफ आकर्षित कर सकते है| इस दुनिया में शायद ही ऐसी कोई चीज़ हो जो किसी और चीज़ से प्रेरित नहीं होती, बदलती नहीं या फिर आकर्षित नहीं होती – पेंड़ धुप से आकर्षित होते हैं, जानवर पेंड़ से और बड़े जानवर छोटे जानवरों से, इंसान बड़े जानवरों से। सब के सब भय. निद्रा, आहार और मैथुन से बंधे हुए हैं। ऐसा कोई भी नहीं जो इनमें से एक को भी त्याग दे, उनके पैदा होने के साथ ही यह निश्चित हो जाता है की वे इन सब चीज़ों में लीन होंगे और इन्हें भोगेंगे भी।
ज़्यादातर जीव मैथुन के लिए अपने से उलटे लिंग के प्रजाति को ढूंढ़ते हैं, जानवर अपने से उलटे लिंग को, पेंड़ फूलों के ज़रिये और पक्षी भी अपने से दुसरे लिंग से मैथुन करते हैं। इसके बाद वे बाकी के कामों में व्यस्त हो जाते हैं जैसे भय में या फिर निद्रा में या फिर आहार में। उनके जीवन में ज़्यादा चेतना और जागरूकता तो होती नहीं है, इसलिए उनसे ज़्यादा की अपेक्षा भी नहीं की जाती। पर मनुष्य एक दुर्लभ और यूनिक जीव है, वह चेतना रखता है और जागरूक भी होता है – वह अपनी परिस्थिति से अवगत है और उसपर काफी विचार-विमर्श करने की क्षमता रखता है। अगर आप उसके प्रत्यक्ष कोई परिस्थिति रखते हैं तो वह बाकी जानवरों की तरह उसे पूरा करने के अलावा यह भी पूछ ले सकता है आखिर क्यों?
अगर आप किसी ऐसी परिश्थिति में हैं जहाँ आप किसी से प्रेम करते हैं पर वह आपकी ओर आकर्षित नहीं होता या होती है तो फिर आप आकर्षण मंत्र फॉर लव सीखें, इससे आप अपने काम को बना ही नहीं लेंगे बल्कि उससे ध्यान पूर्वक तथा चेतना पूर्वक समझ भी लेंगे। लड़के को लड़की के सामने अपनी आकर्षण शक्ति बनाये रखने के लिए पन्ना पहनना चाहिए, इससे लड़की का प्यार लड़के को तरफ बना रहता है और दोनों में आकर्षण बढ़ जाता है।
एक चीज़ जो ध्यान में रखनी चाहिए और जिसका प्रयोग खासे तौर पर ज़रूरी है आपकी प्यार की ज़िन्दगी में सफलता के लिए है की आपको शनिवार के दिन और अमावस्या के दिन अपने प्रेमी से मिलना नहीं चाहिए, इन दोनों दिन पर अगर आप अपने प्रेमी से मिले तो आपको ख़राब नतीजों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सहूलियत इसी में है की आप दोनों दिनों पे नहीं मिलें – अकारण लड़ाई हो जाती है, छोटी सी बात पर दूसरा रूठ सकता है और हलकी सी बात को बुरा मान सकती है। इसलिए ऐसा कतई नहीं होने दें।
जिस तरीके से ऊपर बताये हुए दिनों पर नहीं मिलना चाहिए उसी तरह शुक्रवार और पूर्णमासी के दिन ज़रूर मिलना चाहिए क्यूंकि जिस तरह शनिवार और अमावस्या के दिन आपसी मतभेद बढ़ने के चान्सेस बहुत ज़्यादा होते हैं उसी तरह पूर्णमासी और शुक्रवार के दिन मिलने से आपस में प्रेम बढ़ता है, दोनों लोगों में स्नेह आता है, दोनों एक दूसरे के करीब आ के दोनों को ज़्यादा समझने लगते हैं। यह दो ऐसे दिन हैं जब आपके प्रेम से जुड़े हर कार्य में आपको सफलता प्राप्त होने के चान्सेस बहुत बढ़ जाते हैं। आप इन दोनों दिनों पर मिलें अवश्य ही। अगर आप अपने प्यार में अपने प्रेमी के प्रति कुछ शुभ चढ़ावा चढ़ाकर और उसकी और अपनी रिलेशनशिप को और बढ़ाने के लिए मन्नत मांगना चाहते हैं तो फिर ऐसा करें की एक दिन प्रातः काल उठ जाएं। सवेरे उठ कर जल्दी नहा धो लें, अब एक ताम्बे का लोटा हो तो उसमें या फिर साधारण लोटे में जल लेकर उसे सूर्य भगवन पर अर्घ देने की क्रिया करें।
यह ऐसे की जाती है की आप लोटे को दोनों हाथों में आधा नीचे को करके आगे की तरफ पकड़ झुका लें। दोनों हाथ कंधे की सीधाई में सामने कर लें और फिर सूर्य के गोले पे लोटा छुआते हुए मंत्र बोलेें – गायत्री मंत्र और कोई भी सूर्य भगवन का मंत्र। धीरे धीरे सारा जल लोटे से सूर्य भगवन को अर्पित कर दें। फिर पूजा स्थल जो की घर में हो, तो वहां या फिर बहार मंदिर में जाएं, सफ़ेद कपडे पहन कर जाएं, लाल गुलाब और चमेली का इत्र भगवन पर चढ़ा दें और भगवन से अपने प्यार और अपने बंधन की प्राथना करके लौट आएं।
एक और तरीक़ा जो की बहुत ही शक्तिशाली और तंत्र विद्या से जुड़ा हुआ है है की आप सवेरे उठ कर नहा धो लें, पूजा कर लें और सूर्य भगवन को अर्घ दे दें। इसके पश्चात आप एक स्फटिक की माला लें और उसमें इस मंत्र का जाप शुरू कर दें। ॐ क्लिं नमः यह मंत्र जितना हो सके उतनी बार एक-एक माला करें, सुबह और शाम, आप पाएंगे की आपकी आकर्षण शक्ति धीरे धीरे बढ़ती जा रही है और आप एक अत्यंत सफल और संपन्न जीवन की ओर प्रवाहित हो रहे हैं। आप चाहे जितना भी पानी में रहे हों आपका काम बनने लगेगा और आप एक सुखद जीवन व्यतीत करने लगेंगे। अगर आपकी बात आपका प्रेमी नहीं मान रहा है और वह अपनी मन-मानी में व्यस्त है तो फिर ऐसा करें की कामदेव और शुक्रदेव की पूजा शुरू कर दें, इनसे आपके कार्य में आपको सफलता मिल जाएगी –
शुक्रदेव का मंत्र होगा – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सह शुक्राय नम:
और कामदेव का मंत्र होगा – ओम कामदेवायः विद्महे रति प्रियायै धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात्|
इस मंत्र को जब आप पढ़ेंगे तो आपके जीवन में जो आपका ख़ास है वह आपकी ओर और आकर्षित होगा, वह आपसे और ज्यादा प्यार करने लगेगा एवं आपके बिना जीना गलत समझने लगेगा। आपको अपने काम में बस यह ध्यान रखना है की आप इस मंत्र को ध्यान से जपें, स्फटिक की माला से जपें और सवेरे या शाम को जपें। यह मंत्र आधी रात को भी जपे जा सकते हैं।
इस तरह हमने आपके समक्ष आज कुछ ऐसे नुस्खे रखे हैं जिनसे आप अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, आपके जीवन में खुशियों की लहर दौड़ सकती है और आप एक समृद्ध जीवन जी सकते हैं। बस आप यह ज़रूर याद रखियेगा की अगर आपको कोई परेशानी हो, कोई बात समझ नहीं आयी हो या फिर आप अभी भी परेशान हो तो आप हमारे से संपर्क कर सलाह लेवे परामर्श करें, हम आपकी चिंता दूर करेंगे।
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