शनिवार, 23 मार्च 2019

सौतन से छुटकारा पाने के उपाय

सौतन से छुटकारा को भले ही बीते जमाने में पति की दूसरी पत्नी के तौर पर सामाजिक मान्यता मिली हुई हो, लेकिन आज दुनिया के किसी भी कोने में इसे अनैतिक समझा जाता है। सौतन किसी पत्नी का सुख-चैन छिनने वाली होती हैं। इसलिए कोई भी स्त्री कभी नहीं चाहेगी कि उसका पति सौतन यानि पराई स्त्री के साथ प्रेम-संबंध कायम करे। इसके लिए वह पति पर तरह-तरह के अंकुश बनाती हैं और भावनात्मक स्तर पर वैवाहिक रिश्तों की पाबंदियां लगाती है।
सौतन से छुटकारा
सौतन से छुटकारा
पर-स्त्री गमन के आदि हो चूके पति को सही मार्ग पर लाने के लिए कई तरह के तांत्रिक, वैदिक, ज्योतिषीय और टोटके के उपाय विभिन्न ग्रंथों में दर्ज हैं। यदि इनका सही तरह से समय रहते ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास के साथ इस्तेमाल किया जाए तो इसके सकारात्मक परिणाम के साथ सौतन से छुटकारा मिलना सुनिश्चित हो जाता है।
वैसे सौतन से छुटकारा पाने का अर्थ है पति को अपने वश में करना, न कि किसी स्त्री को पति से दूर करना। दोनों कार्यों को समझने का फर्क और अर्थ सकात्मक एवं नकारत्मक भाव लिए हुए किसी का अहित करने से बचाने का भी है। यह कहें कि पति के वशीकरण उपाय सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे मुहावरे के सिद्धांत के आधार पर किया जाना चाहिए। आईए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण उपयों के बारे मेंः-
प्रेम में कमीः पति के दूसरी स्त्री के प्रति अकर्षित होने का सामान्य अर्थ में उसकी व्याहता पत्नी के प्रेम में कमी का होना है। ऐसे में सबसे पहले पत्नी को चाहिए कि वह पति के ऊपर अपने रंगरूप-सौंदर्य-यौवन का भावनात्मक मोहिनी जाल फैलाए। उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को स्मरण कर शुक्रवार को एक सरल उपाय करे। इसके लिए तीन इलायची को अपने शरीर से स्पर्श कर उसे पहने हुए परिधान में छिपा लें। साड़ी पहनने वाली स्त्री अंचल के कोने में, या सलवार-सूट वाली स्त्री दुपट्टे के एक कोर में या फिर जींस-टीर्शट जैसी आधुनिक परिधान धारण करने वाली अपने रूमाल के एक कोने में बांधकर रख लें।
अगल दिन यानि शनिवार की सुबह उसी इलायची को पीसकर किसी व्यंजन के साथ पति को खिला दें। ऐसा मात्र तीन शुक्रवार को करने से पति का उसकी पत्नी के प्रति वशीकरण हो जाता है और सौतन से खुद-व-खुद मुक्ति मिल जाती है।
आकर्षण शक्तिः पति के मन-मस्तिष्क में अपनी अकर्षण शक्ति या कहें प्रभाव को बढ़ाने से भी परस्त्री के पीछे भागने वाला पति सही रास्ते पर आ जाता है और सौतन बनी दूसरी औरत उसके पति को अपने मोहजाल से मुक्त करने को मजबूर हो जाती है। इसके लिए एक टोटका नुस्खे के तौर पर अपनाया जा सकता है। टोटके के तरीके के अनुसार पहले एक-दो पके केले में गोरोचन को मिलाकर लेप बना लें, फिर उस लेप को अपने सिर पर लगाएं।
ऐसा करने से सम्मोहन या अकर्षण शक्ति की अद्भुत क्षमता का अनुभव होता है, जिससे पति का सामना करने और उसके सम्मुख अपने प्रेम की आतुरता को सौंदर्य-बोध के साथ व्यक्त करने का मनोबल मजबूत होता है। पति पर अधिकार जमाने का आत्मविश्वास बढ़ता है। वैसे अपना आकर्षण एक खास तरह के तिलक लगाने से भी संभव है। तिलक के लिए नारियाल के साथ धतुरे के बीज और कपूर को पीस लें। इसे नियमित तब लगाएं, जब पति सामने हो और उसे अपने सौंदर्य का ऐहसास करवाएं। तिलक का असर जितना लगाने वाली स्त्री को आत्मविश्वासी बना देता है, उतना ही उसे देखने वाले पर वशीकरण से प्रभावित भी कर देता है।
यौन क्षमता: पति को अपने वश में रखने के लिए बहुत ही कारगर उपाय पत्नी की यौन क्षमता में पर्याप्तता का होना और अपने मोहपाश में बांधने लायक यौनाकर्षण को प्रदर्शित करना भी है। ऐसा होने पर   दूसरी औरत के पीछे भागने वाला पति अपनी पत्नी के शारीरिक और फिर मनोवैज्ञानिक आकर्षण में बंधने बच नहीं पाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पत्नी को चाहिए कि वह शुक्र ग्रह को ठीक करने के लिए कामदेव मंत्र का विधिवत जाप करे।
कामदेव का वह मंत्र इस प्रकार हैः- ओम कामदेवाय विद्यम्हेरति प्रियायै धीमहितन्नो अनंग प्रचोदयात्। इसके अतिरिक्त कामदेव को प्रसन्न रखने के शाबर मंत्र भी हैः- ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्योभवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा। इन मंत्रों के जाप से यौन क्षमता बढ़ती है। इसी तरह से शुक्र मंत्र ओम दां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः के जाप से पति को अपने वश में रखा जा सकता है।
गृह क्लेशः घर में पति-पत्नी के बीच गृह क्लेश और अशांति का कारण भी अक्सर दूसरी औरत बनती है। पति का दूसरी औरत के साथ प्यार का चक्कर या फिर किसी स्त्री के द्वारा दूसरे के पति को अपने वश में कर लेने के कारण पति-पत्नी आपस में अक्सर लड़ते-झगड़ते हैं। इस आधार पर सौतन से मुक्ति तभी मिल सकती है जब गृह क्लेश के तांत्रिक या मांत्रिक उपाय किए जाएं। इसके लिए लिए गृह क्लेश निवारण मंत्र का 42,000 बार जाप करने की सलाह दी जाती है। वह मंत्र हैः-
धाम धिम धूम धुर्जट पत्नी वां वीं वुम वागधिश्वरी।
क्राम क्रीम कृम कालिका देविशाम शिम शुम शुभम कुरु।।
इस मंत्र का जाप प्रातःकाल मां दुर्गा या काली देवी की तस्वीर के सामने धुप-दीप जलाने के बाद लाल फूल अर्पित कर शुरू किया जाता है। प्रति दिन 108 बार जाप करने से घर में शांति का वातावरण बनता है। दांपत्य जीवन मंे खुशहाली आती है।
पति वशीकरणः पति को दूसरी औरत के साथ संबंध-विच्छेद करवाने के लिए उसके वशीकरण के टोटके अपनाने चाहिए। इस संबंध मंे उपाय के लिए एक पान का सबूत पत्ता लाएं। उसपर चंदन और केसर का चूर्ण लगाएं। इस तरह से बने मिश्रण को तिलक के रूप में ललाट पर लगाकर पति के सामने या उसकी तस्वीर के सामने जाने पर उसका वशीकरण हो जाता है। ऐसा 43 दिनों तक किया जाना चाहिए। हर दिन नया पान का पत्ता लाएं और अंतिम दिन सभी पत्ते बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
पति को पराई स्त्री(सौतन ) या लड़की से दूर करने का उपाय – के लिए पत्नी अपनी माहवारी के दौरान रात के बारह बजे सोए हुए पति की चोटी के कुछ बाल काट ले। उसे पति की नजर बचाकर रखे। कुछ दिनों के बाद बालों जलाकर पैरों से कुचल दें और घर के बाहर फेंक दें। यह साधारण उपाय पति का मतिभ्रम करने के लिए कारगर उपाय है। कुछ दिनों में ही पति का अपनी पत्नी के प्रति वैचारिक मतभेद खत्म हो जाता है और दूसरी औरत के प्रति बने दीवानेपन को धीरे-धीरे त्याग देता है।  CALL - 9812052465

पति का प्यार पाने के उपाय

यदि आपके आपस में प्रेम नहीं है और पति का प्यार पाने के उपाय चाहते है अवश्य परामर्श करे | पति-पत्नी के बीच नोक-झोंक नहीं हो या नाराजगी, मतभेद और लड़ाई-झगड़े का होना उनके गृहस्थ जीवन का एक हिस्सा होता है। रूठने-मनाने, गिले-शिकवे और मान-मनव्वल से उनके आपसी प्रेम  प्रदर्शन का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन कई बार पति या पत्नी के विरोधी तेवर या नाराजगी काफी हद तक बढ़ जाती है। स्थिति तब और बिगड़ जाती है उनके बीच कोई तीसरा आ जाता है। फिर पति परस्त्री गमन या पत्नी का पर पुरुष के प्रति मोहित होने का बुरा परिणाम दोनों को प्रभावित कर देता है।
पति का प्यार पाने के उपाय
पति का प्यार पाने के उपाय
किसी औरत के सामने विकट समस्या तब उत्पन्न हो जा जाती है जब उसका पति किसी और स्त्री को चाहने लगता है, या कहें दूसरी महिला के ग्लैमर और प्यार में पड़कर अपनी पत्नी को नजरंदाज कर देता है। ऐसे में पत्नी चाहे तो ज्योतिषीय उपाय या तंत्र-मंत्र और सामान्य टोटके आजमाकर पति का प्यार वापस प्राप्त कर सकती है। जिसके प्रयोग और साधना से पत्नी अपने पति को आकर्षित करने में सफल हो सकती है। इन उपायों से प्रेमी को अपने वश में करने या पे्रम की प्रगाढ़ता बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। आईए जानते हैं कुछ सहजता से इस्तेमल किए जाने वाले सरल उपायः
कम होने न पाए प्रेमः यदि किसी औरत को एहसास हो जाए कि उसके पति का प्यार कम हो गया है तो वह भगवान श्रीकृष्ण की आराधाना करे और एक आसान-सा टोटका आजमाए। किसी भी शुक्रवार की रात सोने से पहले तीन इलायची ईष्टदेव समेत श्रीकृष्ण को स्मरण कर अपने शरीर से स्पर्श के बाद स्वयं के पास ही कहीं छिपा ले। छिपाने के लिए अपनी साड़ी के पल्लू या दुपट्टे के एक कोने में बांध ले या फिर रूमाल में बांधकर अपने पास रख ले। अगले रोज शनिवार को उसी इलायची को पीसकर आहार के किसी व्यंजन में मिलाकर पति को खिला दे। ऐसा तीन शुक्रवार तक करने के बाद अच्छे परिणाम आ जाते हैं और मंद हो चुका प्रेम का प्रवाह तीव्रता प्राप्त कर लेता है।
छोड़ने की धमकीः अगर पति बार-बार छोड़ देने की धमकी दे, या वह अपनी पत्नी को नजरंदाज कर दूसरी औरत के साथ प्रेमालाप मंे लिप्त हो जाए, तो तिलक के वशीकरण का टोटका अपना सेकती है। इसके लिए नारियल, धतुरे के बीज को कपूर के साथ पीस लें। उसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन बिंदी के तौर पर लगाकर पति के सामने जाएं। कुछ दिनों में ही इसका असर इस प्रकार होगा कि पति दोबारा कभी नहीं कहेगा कि वह उसे छोड़ देगा और किसी अन्य स्त्री को जीवनसाथी बना लेगा। इस तिलक वशीकरण के नुस्खे से पति उसके मोहपाश में बंध जाएगा। यहां तक कि तलाक देकर दूसरी स्त्री से विवाह की छूटवाले समाज की स्त्रियां इस नुस्खे को अपना सकती हैं।
सम्मोहन में कमी: पति के आकर्षण में कमी महसूस होने की स्थिति में उसे अपनी ओर सम्मोहित करने के लिए पत्नी को अपनी आकर्षण की क्षमता बढ़ानी चाहिए। इस सिलसिले में एक पके केले में गोराचन मिलकर लेप बनाएं। उस लेप को रात को सोते समय लगाएं। ऐसा सप्ताहभर करने पर गजब का आकर्षण आ जाएगा और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। साथ ही पति की प्रेमाभियक्ति में ताजगी का एहसास होगा। भावनाओं के आदान-प्रदान में आतुरता बढ़ेगी और प्रेम के भावुक व संवेदनशील क्षण का सुखद एहसास होगा।
परस्त्री का मोहजाल: पति के दूसरी औरत के प्रेम में पड़ने की स्थिति में पत्नी उसे अपने वश में लाने के लिए एक घरेलू टोटका आजमा सकती हैं। इसके लिए पत्नी को चाहिए कि वह गुरुवार या शुक्रवार की आधी रात (करीब 12 बजे) को पति की चोटी के कुछ बाल काट ले। कटे बाल को एक सप्ताह तक घर में ही पति की नजरों से दूर किसी स्थान पर रखे। उसके बाद उसे जला डाले और पैरों से कुचलकर घर से बाहर फेंक दे। इस प्रक्रिया की शुरुआत अगर पत्नी द्वारा माहवारी के दौरान किया जाए तब  जल्द अच्छे परिणाम मिलने की संभावना प्रबल हो जाती है। यानि पति का दूसरी औरत के प्रति झुकाव या प्रेमालाप सदा के लिए खत्म हो जाएगा और वह फिर जल्द ही उसकी अपनी पत्नी के प्रति असक्ति भी बढ़ जाएगी।
प्यार की मधुरता के वास्ते: पति को अपने वश में करने के बाद ही उसपर अपना प्यार को सहजता के साथ जताया जा सकता है और प्रेम की प्रगाढ़ता की प्राप्ति हो सकती है। इसके लिए लौंग के साथ टोटका अपनाना चाहिए। शनिवार की आधी रात को पति का 21 बार नाम लेकर लौंग पर फूंक मारें और फिर उसे आग के हवाले कर दें। इस प्रयोग को लगातर सात बार अर्थात सात दिनों तक करने के अद्भुत परिणाम मिलते हैं। आठवें दिन के इस टोटके को आजमाते ही पति के प्यार की मधुरता को काफी शिद्दत और समर्पण के साथ अनुभव किया जा सकता है।
दूसरी औरत के डोरेः यदि पति पर कोई औरत डोरे डाल रही हो और उसे अपना बनाने की कोशिश में हो, तो पति को उसके वश में आने देने से पहले ही उपाय कर लेना चाहिए। ऐसा कर पति को दूसरी औरत के प्रेम-जाल या वासनात्मक फंदे फंसने से बचाया जा सकता है। उनके प्रेम को बाधित कर उन्हें अनैतिक राह पर बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि आप अपने पति को सच्चे दिल से चाहती हैं तब प्रत्येक रविवार को अपने सोने के कमरे में गूगल की धूनी जलाकर पति को अपने प्रति आसक्त बना सकती हैं। पति के दिल-दिमाग में अपने सम्मोहन और रूप-गुण की भावना को आत्मविश्वास के साथ  भर सकती हैं। यह कार्य पति के प्रति अटूट विश्वास और श्रद्धा के साथ किए जाना चाहिए। यह प्रयोग अप्रत्याशित लाभ देने वाला साबित होगा।
अनावश्यक मतभेदः पति का प्यार के प्यार में कमी कई बार अनावश्यक बातों की वजह से भी आ जाती है। इसके लिए पत्नी को चाहिए कि वह एक शहद की छोटी से शीशी खरीद लाए और उसमें पति के साथ अपनी भी छोटी सी तस्वीर डालकर रात को सोने से पहले तकिए के नीचे दबा दे। इसी के साथ मंत्र ‘‘ ओम कमाख्या देव्याय (पति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।।’’ का जाप करें।
वश में रखनाः पति को वश में रखने के लिए 43 दिनांे तक चंडी स्त्रोत का विधि-विधान से पाठ करने पर पति चाहे जितना भी दिल-दिमाग से दूर हुआ हो उसे वशीभूत किया जा सकता है। इस प्रयोग के लिए अनुष्ठान को पति की तस्वीर के सामने प्रतिदिन पान का पत्ता रखकर किया जाता है। इसका शुभारंभ शुक्ल पक्ष में किया जाना चाहिए। इसके लिए पान के एक पत्ते पर चंदन और केसर को मिलाकर रखें। उसे लाल कापड़े पर पहले स्थपित मां दुर्गा की प्रतिमा के चरणों में रख दें। उसके बात 43 दिनों तक चंडी स्त्रोत का पाठ करें। पाठ की समाप्ति के बाद पान पर लगे चंदन और केसर का तिलक लगाएं। ऐसा कर पति के समक्ष जाने से पति का पत्नी के प्रति वशीकरण सुनिश्चित है।      CALL - 9812052465

माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र

क्या आप माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र साधना के बारे में जानना चाहते है ? मां कामाख्या देवी कुल 51 शक्ति पीठों में सबसे शक्तिशाली हैं, जो भारत के असम की राजधानी गुवाहाटी के पास दिसपुर मं कमरू नाम के स्थान पर सदियों से स्थित है। इसका विशेष महत्व शक्ति की देवी सती मंदिर के साथ-साथ तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए भी है। इसके तांत्रिक महत्व के कारण यह प्राचीनकाल से एक अद्भुत तीर्थ बना हुआ है। यहां भगवती की योनि-कुंड के प्रत्येक वर्ष जून माह में  तीन दिनों तक अंबूवाची योग पर्व मनाए जाने की परंपरा है। वास्तव में यह सती के राजस्वला पर्व है, जिसमें विश्व के तांत्रिकों, साधु-संतों, अघोरियों और मंत्र साधकों का जमावड़ा लगता है। ऐसी मान्यता है कि इन तीन दिनों में योनि-कुंड से रक्त प्रवाहित होता है।
माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र
माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र
धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महादेव शिव की पत्नी सती के हवन कुंड में कूद पड़ने के बाद शरीर का अंग-भंग हो गया। महादेव उसे बचाने के लिए कंधे पर लादे जहां-जाहं गए वहां सती के अंगों के टुकड़े गिरते चले गए। वे जहां भी गिरे कालांतर में शक्ति पीठ के तौर पर विख्यात हो गए। कमरू नामक स्थान पर माता सती की योनि गिरी थी, और यह भगवती के गर्भगृह के रूप में विख्यात पीठ कहलाया।
इसी पीठ अर्थात माता कामाख्या देवी की पूजा-आराधना से मनोवांछित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यहां वशीकरण के तंत्र-मंत्र की साधना और सिद्धि जैसे अनुष्ठानिक कार्य पूरे मानोयोग से करने पर मनोवांछित सिद्धि प्राप्ति होती है। इस साधना से व्यक्ति का मनोभाव नकारात्मक से सकारात्मक बन जाता है। कोई चाहे कितना भी मन में नकारत्मक दुष्प्रभाव से ग्रसित क्यों न हो वह मां कामाख्या मंत्र से स्वाभाविक सकारात्मकता और रचानात्मक प्रभाव से अभीभूत हुए बगैर नहीं रह पात है। इसके लिए विशिष्ट सिद्धि की प्राप्ति विधि-विधान से किए गए कामाख्या मंत्र-जाप से ही संभव है।
ऐसी मान्यता है कि कामाख्या-मंत्र के जाप से शक्ति उपासना के तमाम कार्य पूरे हो जाते हैं इसलिए सभी देवी-देवताओं के उपासकों को यह पूजा अवश्य करनी चाहिए। कामाख्या मंत्र को कल्पवृक्ष भी कहा गया है, क्योंकि यह मंत्र मन की हर मुराद को पूरा करता है। हर विध्न-बाधा को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप वर्ष में एक बार अवश्य करने की सलाह दी गई है। सर्वाधिक असरकारी और लोकप्रिय मंत्र विनियोग, ऋषादि न्यास, कर न्यास और अंग न्यास के रूप में इस प्रकार हैः-
ओम् अस्य कामाख्या मंत्रस्य श्री अक्षोभ्य
ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः, श्रीकामाख्या देवता, सर्व-सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगः।
श्रीअक्षोभ्य-ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप्-छंदसे नमः मुखे,
श्रीकामाख्या-देवतायै नमः हृदि,सर्व-सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे।
मां कामाख्या के रूप सामान्य देवी की तरह ही हैं। उनकी दो भुजाएं हैं और वह लाल वस्त्र धारण किए विभिन्न रत्नों से सुशोभित सिंहासन पर बैठी रहती हैं। वह तिलक और सिंदूर लगाए हुए है। उनके मुखमंडल से चंद्रमा समान निर्मलता, उज्ज्वलता और मुखाकृति कमल जैसी सुंदरता सहजता से स्पष्ट प्रस्फुटित होती है।  उनकी आंखें बड़ी-बड़ी हैं और बेशकीमती हीरे-जवाहरात जड सोने के बने आभूषण भी पहने रहती हं।
यह देवी समस्त विद्याओं की जानकार और सर्वगुण संपन्न है। इस कारण इनमें सरस्वती और लक्ष्मी के रूपों के भी दर्शन किए जा सकते हैं। इन्हें त्रिनेत्रा भी कहा जाता है। इस देवी का ध्यान कर ही इन मंत्रों के जाप का लाभ मिल सकता है। कारण कामाख्या सरस्वती और लक्ष्मी से युक्त देवी हैं। कामाख्या देवी का आवाहन् और पूजा करने का मंत्र हैः-
कामाख्ये काम-संपन्ने, कामश्वरी! हर-प्रिय।
कामनां देहि में नत्यिं, कामेश्वरि! नमास्तु ते।।
कामदे काम-रूपस्थे, सुभगे सुर-सेविते।                                                                 
करोमि दर्शनं देव्याः, सर्व-कामार्थ-सिद्धये।।
इस प्रर्थाना का अर्थ इस प्रकार हैः- हे कामाख्या देवी! आप भगवान शिव की प्रिय हैं और कमाना पूरी करने वाली कामना की अधिष्ठत्री हैं। आपसे सदा शुभकामनाओं की अपेक्षा रखता हूं। मेरी कामनाओं को सिद्ध करें। हे कामना को पूर्ण करने वाली देवी! आप सभी कामना देने वाली सुंदरी और देवगणों से सेविता देवि हैं। मैं सभी कामनाओं की सिद्धि के लिए आपके दर्शन करता हूं।
इसके अतिरिक्त कामाख्या देवी का एक महत्वपूर्ण मंत्र 22 अक्षरों का है, जिसे कामाख्या तंत्र कहा जाता है। वह मंत्र हैः- त्रीं त्रीं त्रीं हूंहूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा!!
इस मंत्र के जाप से माहापाप को खत्म किया जा सकता है तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी की प्राप्ति संभव है। इनका मूल शक्ति है। तीन त्र-अक्षर वाले इस मंत्र का जाप करने वाला साधक मंत्रोच्चारण में पूरी तन्मयता के साथ रम जाता है और देवी में ध्यानमग्न होकर साक्षात देवी-स्वरूप बन जाता है।
कामाख्या तंत्र में गुरु-तत्व का भी समावेश है तथा इससे ज्ञान की श्रेष्ठता का एहसास होता है। यही कारण है कि ज्ञान के लिए कामाख्या देवी की उपासना की जाती है। इसके अतिरिक्त कामख्या तंत्र से मुक्ति के चारों प्रकार सालोक्य, सारूप्य, सायुज्य और निर्वाण का सौभाग्य प्राप्त होता है। सालोक्य मुक्ति से जहां देवों के संसार में निवास का सौभग्य मिल सकता है, वहीं सारूप्य से ईश्वरत्व के अंश को प्राप्त किया जा सकता है। इसी तरह से सायुज्य देवों की कला से जुड़ना संभव होता है और निर्वाण मुक्ति अनैतिकता वाले नकारात्मक व्यक्तित्व का क्षय होता है।
कामाख्या सिंदूरः विवाहिताओं के लिए देवी कामाख्या के सिंदूर का अतिविशिष्ट महत्व है। इसे बोलचाल की भाषा में कमिया सिंदूर भी कहा गया है, जो कामरुप कामाख्या क्षेत्र में ही पाया जाता है। इसे आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता है। इसकी प्राप्ति  विशेष तरह के मंत्र के 108 बार जाप से सिद्ध किया जाता है। उसक बाद ही विवाहिताएं इसका इस्तेमाल मनोकमनाओं की पूर्ति के लिए करती हैं। सदियों से चली आ रही मान्यता और अटूट विश्वास के अनुसार जो कोई कामाख्या सिंदूर का प्रयोग करता है उसपर देवी मां की कृपा बनी रहती है। यह सिंदूर वशीकरण, जादू-टोना, गृह-कलेश, कारोबार में बाधा, विवाह या प्रेम की समस्या या दूसरी तरह की भूत-प्रेत बाधा की समस्याओं को दूर करता है। इसका इस्तेमाल सामान्य तौर पर मांगलिक आयोजनों में किया जाता है।
इस सिंदूर को चांदी की डिब्बी में रखकर मंत्र ‘कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी! त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!! ’ का उच्चारण 108 बार करना चाहिए। इसका जाप चुटकी में सिंदूर लेकर 11 या 7 बार शुक्रवार को शुरू कर सात दिनों तक करना चाहिए। मंत्र के उच्चारण के समय हथेली में गंगाजल, केसर, चंदन को मिलाकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए। इस जाप को स्त्री या पुरुष किस के द्वारा भी किया जा सकता है। इसे लगाने के कार्य भी मंत्रोच्चारण के साथ किया जाना चाहिए।
वह मंत्र हैः- कामाख्याम कामसम्पन्ना कामेश्वरी हरप्रिया द्य
कमाना देहि में नित्य कामेश्वरी नमोस्तुते द्यद्य  CALL - 9812052465

माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र

 आप माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र साधना के बारे में जानना चाहते है ? मां कामाख्या देवी कुल 51 शक्ति पीठों में सबसे शक्तिशाली हैं, जो भारत के असम की राजधानी गुवाहाटी के पास दिसपुर मं कमरू नाम के स्थान पर सदियों से स्थित है। इसका विशेष महत्व शक्ति की देवी सती मंदिर के साथ-साथ तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए भी है। इसके तांत्रिक महत्व के कारण यह प्राचीनकाल से एक अद्भुत तीर्थ बना हुआ है। यहां भगवती की योनि-कुंड के प्रत्येक वर्ष जून माह में  तीन दिनों तक अंबूवाची योग पर्व मनाए जाने की परंपरा है। वास्तव में यह सती के राजस्वला पर्व है, जिसमें विश्व के तांत्रिकों, साधु-संतों, अघोरियों और मंत्र साधकों का जमावड़ा लगता है। ऐसी मान्यता है कि इन तीन दिनों में योनि-कुंड से रक्त प्रवाहित होता है।
माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र
माँ कामाख्या वशीकरण मंत्र
धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महादेव शिव की पत्नी सती के हवन कुंड में कूद पड़ने के बाद शरीर का अंग-भंग हो गया। महादेव उसे बचाने के लिए कंधे पर लादे जहां-जाहं गए वहां सती के अंगों के टुकड़े गिरते चले गए। वे जहां भी गिरे कालांतर में शक्ति पीठ के तौर पर विख्यात हो गए। कमरू नामक स्थान पर माता सती की योनि गिरी थी, और यह भगवती के गर्भगृह के रूप में विख्यात पीठ कहलाया।
इसी पीठ अर्थात माता कामाख्या देवी की पूजा-आराधना से मनोवांछित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यहां वशीकरण के तंत्र-मंत्र की साधना और सिद्धि जैसे अनुष्ठानिक कार्य पूरे मानोयोग से करने पर मनोवांछित सिद्धि प्राप्ति होती है। इस साधना से व्यक्ति का मनोभाव नकारात्मक से सकारात्मक बन जाता है। कोई चाहे कितना भी मन में नकारत्मक दुष्प्रभाव से ग्रसित क्यों न हो वह मां कामाख्या मंत्र से स्वाभाविक सकारात्मकता और रचानात्मक प्रभाव से अभीभूत हुए बगैर नहीं रह पात है। इसके लिए विशिष्ट सिद्धि की प्राप्ति विधि-विधान से किए गए कामाख्या मंत्र-जाप से ही संभव है।
ऐसी मान्यता है कि कामाख्या-मंत्र के जाप से शक्ति उपासना के तमाम कार्य पूरे हो जाते हैं इसलिए सभी देवी-देवताओं के उपासकों को यह पूजा अवश्य करनी चाहिए। कामाख्या मंत्र को कल्पवृक्ष भी कहा गया है, क्योंकि यह मंत्र मन की हर मुराद को पूरा करता है। हर विध्न-बाधा को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप वर्ष में एक बार अवश्य करने की सलाह दी गई है। सर्वाधिक असरकारी और लोकप्रिय मंत्र विनियोग, ऋषादि न्यास, कर न्यास और अंग न्यास के रूप में इस प्रकार हैः-
ओम् अस्य कामाख्या मंत्रस्य श्री अक्षोभ्य
ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः, श्रीकामाख्या देवता, सर्व-सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगः।
श्रीअक्षोभ्य-ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप्-छंदसे नमः मुखे,
श्रीकामाख्या-देवतायै नमः हृदि,सर्व-सिद्धि-प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे।
मां कामाख्या के रूप सामान्य देवी की तरह ही हैं। उनकी दो भुजाएं हैं और वह लाल वस्त्र धारण किए विभिन्न रत्नों से सुशोभित सिंहासन पर बैठी रहती हैं। वह तिलक और सिंदूर लगाए हुए है। उनके मुखमंडल से चंद्रमा समान निर्मलता, उज्ज्वलता और मुखाकृति कमल जैसी सुंदरता सहजता से स्पष्ट प्रस्फुटित होती है।  उनकी आंखें बड़ी-बड़ी हैं और बेशकीमती हीरे-जवाहरात जड सोने के बने आभूषण भी पहने रहती हं।
यह देवी समस्त विद्याओं की जानकार और सर्वगुण संपन्न है। इस कारण इनमें सरस्वती और लक्ष्मी के रूपों के भी दर्शन किए जा सकते हैं। इन्हें त्रिनेत्रा भी कहा जाता है। इस देवी का ध्यान कर ही इन मंत्रों के जाप का लाभ मिल सकता है। कारण कामाख्या सरस्वती और लक्ष्मी से युक्त देवी हैं। कामाख्या देवी का आवाहन् और पूजा करने का मंत्र हैः-
कामाख्ये काम-संपन्ने, कामश्वरी! हर-प्रिय।
कामनां देहि में नत्यिं, कामेश्वरि! नमास्तु ते।।
कामदे काम-रूपस्थे, सुभगे सुर-सेविते।                                                                 
करोमि दर्शनं देव्याः, सर्व-कामार्थ-सिद्धये।।
इस प्रर्थाना का अर्थ इस प्रकार हैः- हे कामाख्या देवी! आप भगवान शिव की प्रिय हैं और कमाना पूरी करने वाली कामना की अधिष्ठत्री हैं। आपसे सदा शुभकामनाओं की अपेक्षा रखता हूं। मेरी कामनाओं को सिद्ध करें। हे कामना को पूर्ण करने वाली देवी! आप सभी कामना देने वाली सुंदरी और देवगणों से सेविता देवि हैं। मैं सभी कामनाओं की सिद्धि के लिए आपके दर्शन करता हूं।
इसके अतिरिक्त कामाख्या देवी का एक महत्वपूर्ण मंत्र 22 अक्षरों का है, जिसे कामाख्या तंत्र कहा जाता है। वह मंत्र हैः- त्रीं त्रीं त्रीं हूंहूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा!!
इस मंत्र के जाप से माहापाप को खत्म किया जा सकता है तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी की प्राप्ति संभव है। इनका मूल शक्ति है। तीन त्र-अक्षर वाले इस मंत्र का जाप करने वाला साधक मंत्रोच्चारण में पूरी तन्मयता के साथ रम जाता है और देवी में ध्यानमग्न होकर साक्षात देवी-स्वरूप बन जाता है।
कामाख्या तंत्र में गुरु-तत्व का भी समावेश है तथा इससे ज्ञान की श्रेष्ठता का एहसास होता है। यही कारण है कि ज्ञान के लिए कामाख्या देवी की उपासना की जाती है। इसके अतिरिक्त कामख्या तंत्र से मुक्ति के चारों प्रकार सालोक्य, सारूप्य, सायुज्य और निर्वाण का सौभाग्य प्राप्त होता है। सालोक्य मुक्ति से जहां देवों के संसार में निवास का सौभग्य मिल सकता है, वहीं सारूप्य से ईश्वरत्व के अंश को प्राप्त किया जा सकता है। इसी तरह से सायुज्य देवों की कला से जुड़ना संभव होता है और निर्वाण मुक्ति अनैतिकता वाले नकारात्मक व्यक्तित्व का क्षय होता है।
कामाख्या सिंदूरः विवाहिताओं के लिए देवी कामाख्या के सिंदूर का अतिविशिष्ट महत्व है। इसे बोलचाल की भाषा में कमिया सिंदूर भी कहा गया है, जो कामरुप कामाख्या क्षेत्र में ही पाया जाता है। इसे आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता है। इसकी प्राप्ति  विशेष तरह के मंत्र के 108 बार जाप से सिद्ध किया जाता है। उसक बाद ही विवाहिताएं इसका इस्तेमाल मनोकमनाओं की पूर्ति के लिए करती हैं। सदियों से चली आ रही मान्यता और अटूट विश्वास के अनुसार जो कोई कामाख्या सिंदूर का प्रयोग करता है उसपर देवी मां की कृपा बनी रहती है। यह सिंदूर वशीकरण, जादू-टोना, गृह-कलेश, कारोबार में बाधा, विवाह या प्रेम की समस्या या दूसरी तरह की भूत-प्रेत बाधा की समस्याओं को दूर करता है। इसका इस्तेमाल सामान्य तौर पर मांगलिक आयोजनों में किया जाता है।
इस सिंदूर को चांदी की डिब्बी में रखकर मंत्र ‘कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी! त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!! ’ का उच्चारण 108 बार करना चाहिए। इसका जाप चुटकी में सिंदूर लेकर 11 या 7 बार शुक्रवार को शुरू कर सात दिनों तक करना चाहिए। मंत्र के उच्चारण के समय हथेली में गंगाजल, केसर, चंदन को मिलाकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए। इस जाप को स्त्री या पुरुष किस के द्वारा भी किया जा सकता है। इसे लगाने के कार्य भी मंत्रोच्चारण के साथ किया जाना चाहिए।
वह मंत्र हैः- कामाख्याम कामसम्पन्ना कामेश्वरी हरप्रिया द्य
कमाना देहि में नित्य कामेश्वरी नमोस्तुते द्यद्य  CALL  9812052465

कामदेव वशीकरण मन्त्र

क्या किसी को वशीभूत करने के लिए कामदेव वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाहते है? स्त्री-पुरुष के बीच आपसी प्रेम, सौंदर्य और काम भावना के प्रति आकर्षण के लिए कामदेव को याद किया जाता है। कामदेव को लेकर हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई मान्याताएं हैं और इनके संबंध भगवान शिव, ब्रह्मा, गंधर्व के अतिरिक्त प्रेम व आकर्षण की देवी रति के साथ बताए गए हं। कामदेव से जुड़ी कई पौराणिक गाथाएं भी मशहूर हैं, तो इनकी आराधना स्त्री-सम्मोहन या वशीकरण के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, तो इसके लिए खास मंत्रजाप की महत्ता बताई गई है।
कामदेव वशीकरण मन्त्र
कामदेव वशीकरण मन्त्र
कौन हैं कामदेव?
अथर्ववेद के अनुसार ‘काम’ का अर्थ कामेच्छा या आकर्षण से है तो ‘देव’ का अर्थ विशिष्ट शख्सियत से होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र हैं, जिनका विवाह रति के साथ हुआ। रति को सौंदर्य, सम्मोहन और प्रेम की देवी कहा गया है। कामदेव को ही अर्धदेव या गंधर्व भी कहा गया है, जिन्हें स्वर्गलोक के वासियों में कामेच्छा जगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।
शिव महापुराण की एक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता के द्वारा पति के अपमानित होने पर यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया था। सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव काफी आहत और विचलित होने के बाद सभी तरह के बंधनों और रिश्ते-नाते को तोड लिया था। तमाम सांसारिक मोह-माया को त्यागकर तप में लीन हो गए थे। उनके इस तप को कामदेव ने ही अपने तीर से भंग किया था और उनमें देवी पार्वती के प्रति वशीकरण की भावना विकसित की थी।
कामदेव का संबंध भले ही प्रेम और कामेच्छा से हो, लेकिन जीवन में इनकी सकारात्मक भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यह कह सकते हैं कि कामदेव व्यक्ति को न केवल ऊर्जान्वित करने वाले देव हं, बल्कि इनकी उपयोगिता और उपस्थिति संबंध के तकाजे पर सम्मोहन को भी परिभाषित करता है। पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस के नाम से प्रेम का प्रतीक माने गए कामदेव ही हैं, जिन्हें हिदूं ग्रंथों में प्रेम और सम्मोहन के देवता की संज्ञा दी गई है।
क्या है कामदेव वशीकरण मन्त्र?
सुंदर ताते जैसा दिखने वाले पक्षी के सुनहले पंखों पर सवारी करने वाले कामदेव सुदर्शन युवक की तरह दिखते हैं, जो अपनी हाथों में मोहक और मादक सुगंधों वाले फूलों के वाण लिए होते हैं। उनके इसी स्वरूप के अनुसार उनमें विपरीत लिंग के व्यक्ति को अकर्षित करने की अद्भुत क्षमता होती है। प्रेम को या फिर परिणय के उपरांत बने वाले नए संबंध में मधुरता लानी हो, कामदेव की उपासना को महत्वपूर्ण माना गया है। यह तंत्र-मंत्र विज्ञान से संभव हो पाता है। यह कहा जा सकता है किसी प्रेमिका या पत्नी को वश में करने के लिए कामदेव एकमात्र अनूठे और सर्वज्ञेष्ठ देवता हैं।
कामदेव वशीकरण मंत्र साधना 
कामदेव की आराधना उनके क्लं मंत्र से की जाती है। इस मंत्र को अनुष्ठानिक विधियों के अनुसार उपयोग करने पर मनोवांछित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। कामदेव के क्लीं मंत्र का प्रतिदिन पाठकर  सामने वाले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में मनोवांछित संवेदना जागृत की जा सकती है। इससे उत्पन्न संवेदनशीलता से न केवल भावनात्मक सम्मोहन होता है और वे दूसरे की प्रशंसा करने लगते हैं, बल्कि स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता है।
इसके मंत्र का जाप 21 दिनों तक 108 बार सूर्योदय से पहले और रात्री में करने की सलाह दी जाती है। सच्चे मन और ध्यान से जाप करने से कामदेव मंत्र की सिद्धि हो जाती है, जिससे न केवल किसी व्यक्ति को आकर्षित किया जाता है, बल्कि उसके सम्मोहन या वशीकरण को बनाए भी रखा जा सकता है। परंतु हां, कुछ आवश्यक शर्तों के तौर पर मंत्र जाप के दिनों में शाकाहारी भोजन करना आवश्यक है।
मंत्र जाप की समाप्ति के बाद पूर्णहुती हवन, तर्पण और मर्जन के द्वारा विधि-विधान के साथ किया जाता है। जाप के क्रम में प्रिय व्यक्ति की पसंद का फल या कोई मिठाई रखें तथा अभिमंत्रित खाने की वस्तु को सम्मोहन किए जाने वाले व्यक्ति को खिलाएं। इसका चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलता है। इसके प्रयोग की खास बात यह है कि इसका किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
कामदेव वशीकरण का मुख्य मंत्र इस प्रकार हैः-
ओम नमो भगवते काम-देवाय श्रीं सर्व-जन-प्रियाय
सर्व-जन-सम्मोहनाय
ज्वल-ज्वल, प्रज्वल-प्रज्वल, हन-हन, वद-वद, तप-तप,
सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जनं मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा।
यह मंत्र इतना अधिक प्रभावशाली है कि इसके प्रतिदिन छह हजार बार जाप करने से शुत्र या फिर लंबे समय से रूठी पत्नी या गलतफहमी की शिकार हुई प्रेमिका तक को वशीभूत किया जा सकता है। इस मंत्र की कुछ खूबियां इस प्रकार हैंः-
  • प्रेमियों को इस मंत्र से न केवल समस्त वाधाएं दूर करने में मदद मिलती है, बल्कि उनका प्रेम वासना रहित निश्छलता लिए हुए सभी के द्वारा सहर्ष स्वीकार्य होता है। यह कहें कि उनके प्रेम-संबंध की विश्वसनीयता बढ़ जाती है और पारिवारिक-सामाजिक प्रतिष्ठा में कोई कमी नहीं आती है।
  • यदि आप विपरीत लिंग के प्रिय व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं तो इस मंत्र का नियमित कम-से-कम 11 बार या 108 बार जाप कर सकते हैं।
  • दांपत्य जीवन में तनाव और अनावश्यक झगड़े से आई रिश्ते की कड़वाहट को इस सिद्ध मंत्र के जाप से खत्म किया जा सकता है।
  • कामदेव वशीकरण मंत्र के द्वारा यौन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। कामदेव का शाबर मंत्र से शुक्र ग्रह को शक्तिशाली प्रभाव का बनाया जा सकता है तरे कामदेव को खुश किया जा सकता है। वह मंत्र हैः- ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहाः। ऐसा विश्वास है कि इस मंत्र से न केवल जीवनसाथी के प्रति सम्मोहन शक्ति बढ़ती है, बल्कि यौन क्षमता में भी वृद्धि होती है।
  • यदि किसी को सुयोग्य जीवन साथी की तलाश हो तो वे इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र हैः- ओम कामदेवाय विद्महेरति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंत प्रचोदयात। यह मंत्र दांपत्य मं प्रेम संबंध को भी प्रगाढ़ बनाता है।
  • रूठे हुए जीवनसाथी को मनाने के लिए तो यह मंत्र रामवाण की तरह कार्य करता है। यदि जीवनसाथी लाख मनाने पर भी मानने के तैयार नहीं हो उसकी आपके प्रति गलतफहमी दूर नहीं हो रही हो तब ऐसी स्थिति में जीवनसाथी के सामने जाएं। अपनी सच्ची भावना को प्रकट करें। संभव हो तो अपनी किसी भूल के लिए क्षमा मांगें। यह सब करने से पहले नीचे दिए गए मंत्र का प्रतिदिन दिन सुबह, दोपहर और रात्री में 108 बार जाप करें। ऐसा तबतक करें जबतक कि जीवनसाथी का दिल पिघल न जाए और आपके प्रति वह वशीभूत न हो जाए।
मंत्रः  ओम नमः काम-देवाय।
 सहल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनमदर्शनं
उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहाः    CALL- 9812052465

कामदेव वशीकरण मन्त्र

क्या किसी को वशीभूत करने के लिए कामदेव वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाहते है? स्त्री-पुरुष के बीच आपसी प्रेम, सौंदर्य और काम भावना के प्रति आकर्षण के लिए कामदेव को याद किया जाता है। कामदेव को लेकर हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई मान्याताएं हैं और इनके संबंध भगवान शिव, ब्रह्मा, गंधर्व के अतिरिक्त प्रेम व आकर्षण की देवी रति के साथ बताए गए हं। कामदेव से जुड़ी कई पौराणिक गाथाएं भी मशहूर हैं, तो इनकी आराधना स्त्री-सम्मोहन या वशीकरण के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, तो इसके लिए खास मंत्रजाप की महत्ता बताई गई है।

कामदेव वशीकरण मन्त्र
कामदेव वशीकरण मन्त्र

कौन हैं कामदेव?

अथर्ववेद के अनुसार ‘काम’ का अर्थ कामेच्छा या आकर्षण से है तो ‘देव’ का अर्थ विशिष्ट शख्सियत से होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र हैं, जिनका विवाह रति के साथ हुआ। रति को सौंदर्य, सम्मोहन और प्रेम की देवी कहा गया है। कामदेव को ही अर्धदेव या गंधर्व भी कहा गया है, जिन्हें स्वर्गलोक के वासियों में कामेच्छा जगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।

शिव महापुराण की एक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता के द्वारा पति के अपमानित होने पर यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया था। सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव काफी आहत और विचलित होने के बाद सभी तरह के बंधनों और रिश्ते-नाते को तोड लिया था। तमाम सांसारिक मोह-माया को त्यागकर तप में लीन हो गए थे। उनके इस तप को कामदेव ने ही अपने तीर से भंग किया था और उनमें देवी पार्वती के प्रति वशीकरण की भावना विकसित की थी।

कामदेव का संबंध भले ही प्रेम और कामेच्छा से हो, लेकिन जीवन में इनकी सकारात्मक भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यह कह सकते हैं कि कामदेव व्यक्ति को न केवल ऊर्जान्वित करने वाले देव हं, बल्कि इनकी उपयोगिता और उपस्थिति संबंध के तकाजे पर सम्मोहन को भी परिभाषित करता है। पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस के नाम से प्रेम का प्रतीक माने गए कामदेव ही हैं, जिन्हें हिदूं ग्रंथों में प्रेम और सम्मोहन के देवता की संज्ञा दी गई है।

क्या है कामदेव वशीकरण मन्त्र?

सुंदर ताते जैसा दिखने वाले पक्षी के सुनहले पंखों पर सवारी करने वाले कामदेव सुदर्शन युवक की तरह दिखते हैं, जो अपनी हाथों में मोहक और मादक सुगंधों वाले फूलों के वाण लिए होते हैं। उनके इसी स्वरूप के अनुसार उनमें विपरीत लिंग के व्यक्ति को अकर्षित करने की अद्भुत क्षमता होती है। प्रेम को या फिर परिणय के उपरांत बने वाले नए संबंध में मधुरता लानी हो, कामदेव की उपासना को महत्वपूर्ण माना गया है। यह तंत्र-मंत्र विज्ञान से संभव हो पाता है। यह कहा जा सकता है किसी प्रेमिका या पत्नी को वश में करने के लिए कामदेव एकमात्र अनूठे और सर्वज्ञेष्ठ देवता हैं।

कामदेव वशीकरण मंत्र साधना

कामदेव की आराधना उनके क्लं मंत्र से की जाती है। इस मंत्र को अनुष्ठानिक विधियों के अनुसार उपयोग करने पर मनोवांछित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। कामदेव के क्लीं मंत्र का प्रतिदिन पाठकर  सामने वाले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में मनोवांछित संवेदना जागृत की जा सकती है। इससे उत्पन्न संवेदनशीलता से न केवल भावनात्मक सम्मोहन होता है और वे दूसरे की प्रशंसा करने लगते हैं, बल्कि स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता है।

इसके मंत्र का जाप 21 दिनों तक 108 बार सूर्योदय से पहले और रात्री में करने की सलाह दी जाती है। सच्चे मन और ध्यान से जाप करने से कामदेव मंत्र की सिद्धि हो जाती है, जिससे न केवल किसी व्यक्ति को आकर्षित किया जाता है, बल्कि उसके सम्मोहन या वशीकरण को बनाए भी रखा जा सकता है। परंतु हां, कुछ आवश्यक शर्तों के तौर पर मंत्र जाप के दिनों में शाकाहारी भोजन करना आवश्यक है।

मंत्र जाप की समाप्ति के बाद पूर्णहुती हवन, तर्पण और मर्जन के द्वारा विधि-विधान के साथ किया जाता है। जाप के क्रम में प्रिय व्यक्ति की पसंद का फल या कोई मिठाई रखें तथा अभिमंत्रित खाने की वस्तु को सम्मोहन किए जाने वाले व्यक्ति को खिलाएं। इसका चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलता है। इसके प्रयोग की खास बात यह है कि इसका किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।

कामदेव वशीकरण का मुख्य मंत्र इस प्रकार हैः-

ओम नमो भगवते काम-देवाय श्रीं सर्व-जन-प्रियाय

सर्व-जन-सम्मोहनाय

ज्वल-ज्वल, प्रज्वल-प्रज्वल, हन-हन, वद-वद, तप-तप,

सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जनं मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा।

यह मंत्र इतना अधिक प्रभावशाली है कि इसके प्रतिदिन छह हजार बार जाप करने से शुत्र या फिर लंबे समय से रूठी पत्नी या गलतफहमी की शिकार हुई प्रेमिका तक को वशीभूत किया जा सकता है। इस मंत्र की कुछ खूबियां इस प्रकार हैंः-

प्रेमियों को इस मंत्र से न केवल समस्त वाधाएं दूर करने में मदद मिलती है, बल्कि उनका प्रेम वासना रहित निश्छलता लिए हुए सभी के द्वारा सहर्ष स्वीकार्य होता है। यह कहें कि उनके प्रेम-संबंध की विश्वसनीयता बढ़ जाती है और पारिवारिक-सामाजिक प्रतिष्ठा में कोई कमी नहीं आती है।
यदि आप विपरीत लिंग के प्रिय व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं तो इस मंत्र का नियमित कम-से-कम 11 बार या 108 बार जाप कर सकते हैं।
दांपत्य जीवन में तनाव और अनावश्यक झगड़े से आई रिश्ते की कड़वाहट को इस सिद्ध मंत्र के जाप से खत्म किया जा सकता है।
कामदेव वशीकरण मंत्र के द्वारा यौन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। कामदेव का शाबर मंत्र से शुक्र ग्रह को शक्तिशाली प्रभाव का बनाया जा सकता है तरे कामदेव को खुश किया जा सकता है। वह मंत्र हैः- ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहाः। ऐसा विश्वास है कि इस मंत्र से न केवल जीवनसाथी के प्रति सम्मोहन शक्ति बढ़ती है, बल्कि यौन क्षमता में भी वृद्धि होती है।
यदि किसी को सुयोग्य जीवन साथी की तलाश हो तो वे इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र हैः- ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंत प्रचोदयात। यह मंत्र दांपत्य मं प्रेम संबंध को भी प्रगाढ़ बनाता है।
रूठे हुए जीवनसाथी को मनाने के लिए तो यह मंत्र रामवाण की तरह कार्य करता है। यदि जीवनसाथी लाख मनाने पर भी मानने के तैयार नहीं हो उसकी आपके प्रति गलतफहमी दूर नहीं हो रही हो तब ऐसी स्थिति में जीवनसाथी के सामने जाएं। अपनी सच्ची भावना को प्रकट करें। संभव हो तो अपनी किसी भूल के लिए क्षमा मांगें। यह सब करने से पहले नीचे दिए गए मंत्र का प्रतिदिन दिन सुबह, दोपहर और रात्री में 108 बार जाप करें। ऐसा तबतक करें जबतक कि जीवनसाथी का दिल पिघल न जाए और आपके प्रति वह वशीभूत न हो जाए।
मंत्रः  ओम नमः काम-देवाय।

 सहल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनमदर्शनं

उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहाः     CALL-9812052465

कामदेव वशीकरण मन्त्र

क्या किसी को वशीभूत करने के लिए कामदेव वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाहते है? स्त्री-पुरुष के बीच आपसी प्रेम, सौंदर्य और काम भावना के प्रति आकर्षण के लिए कामदेव को याद किया जाता है। कामदेव को लेकर हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई मान्याताएं हैं और इनके संबंध भगवान शिव, ब्रह्मा, गंधर्व के अतिरिक्त प्रेम व आकर्षण की देवी रति के साथ बताए गए हं। कामदेव से जुड़ी कई पौराणिक गाथाएं भी मशहूर हैं, तो इनकी आराधना स्त्री-सम्मोहन या वशीकरण के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, तो इसके लिए खास मंत्रजाप की महत्ता बताई गई है।
कामदेव वशीकरण मन्त्र
कामदेव वशीकरण मन्त्र
कौन हैं कामदेव?
अथर्ववेद के अनुसार ‘काम’ का अर्थ कामेच्छा या आकर्षण से है तो ‘देव’ का अर्थ विशिष्ट शख्सियत से होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र हैं, जिनका विवाह रति के साथ हुआ। रति को सौंदर्य, सम्मोहन और प्रेम की देवी कहा गया है। कामदेव को ही अर्धदेव या गंधर्व भी कहा गया है, जिन्हें स्वर्गलोक के वासियों में कामेच्छा जगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।
शिव महापुराण की एक कथा के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता के द्वारा पति के अपमानित होने पर यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया था। सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव काफी आहत और विचलित होने के बाद सभी तरह के बंधनों और रिश्ते-नाते को तोड लिया था। तमाम सांसारिक मोह-माया को त्यागकर तप में लीन हो गए थे। उनके इस तप को कामदेव ने ही अपने तीर से भंग किया था और उनमें देवी पार्वती के प्रति वशीकरण की भावना विकसित की थी।
कामदेव का संबंध भले ही प्रेम और कामेच्छा से हो, लेकिन जीवन में इनकी सकारात्मक भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यह कह सकते हैं कि कामदेव व्यक्ति को न केवल ऊर्जान्वित करने वाले देव हं, बल्कि इनकी उपयोगिता और उपस्थिति संबंध के तकाजे पर सम्मोहन को भी परिभाषित करता है। पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस के नाम से प्रेम का प्रतीक माने गए कामदेव ही हैं, जिन्हें हिदूं ग्रंथों में प्रेम और सम्मोहन के देवता की संज्ञा दी गई है।
क्या है कामदेव वशीकरण मन्त्र?
सुंदर ताते जैसा दिखने वाले पक्षी के सुनहले पंखों पर सवारी करने वाले कामदेव सुदर्शन युवक की तरह दिखते हैं, जो अपनी हाथों में मोहक और मादक सुगंधों वाले फूलों के वाण लिए होते हैं। उनके इसी स्वरूप के अनुसार उनमें विपरीत लिंग के व्यक्ति को अकर्षित करने की अद्भुत क्षमता होती है। प्रेम को या फिर परिणय के उपरांत बने वाले नए संबंध में मधुरता लानी हो, कामदेव की उपासना को महत्वपूर्ण माना गया है। यह तंत्र-मंत्र विज्ञान से संभव हो पाता है। यह कहा जा सकता है किसी प्रेमिका या पत्नी को वश में करने के लिए कामदेव एकमात्र अनूठे और सर्वज्ञेष्ठ देवता हैं।
कामदेव वशीकरण मंत्र साधना 
कामदेव की आराधना उनके क्लं मंत्र से की जाती है। इस मंत्र को अनुष्ठानिक विधियों के अनुसार उपयोग करने पर मनोवांछित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। कामदेव के क्लीं मंत्र का प्रतिदिन पाठकर  सामने वाले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में मनोवांछित संवेदना जागृत की जा सकती है। इससे उत्पन्न संवेदनशीलता से न केवल भावनात्मक सम्मोहन होता है और वे दूसरे की प्रशंसा करने लगते हैं, बल्कि स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता है।
इसके मंत्र का जाप 21 दिनों तक 108 बार सूर्योदय से पहले और रात्री में करने की सलाह दी जाती है। सच्चे मन और ध्यान से जाप करने से कामदेव मंत्र की सिद्धि हो जाती है, जिससे न केवल किसी व्यक्ति को आकर्षित किया जाता है, बल्कि उसके सम्मोहन या वशीकरण को बनाए भी रखा जा सकता है। परंतु हां, कुछ आवश्यक शर्तों के तौर पर मंत्र जाप के दिनों में शाकाहारी भोजन करना आवश्यक है।
मंत्र जाप की समाप्ति के बाद पूर्णहुती हवन, तर्पण और मर्जन के द्वारा विधि-विधान के साथ किया जाता है। जाप के क्रम में प्रिय व्यक्ति की पसंद का फल या कोई मिठाई रखें तथा अभिमंत्रित खाने की वस्तु को सम्मोहन किए जाने वाले व्यक्ति को खिलाएं। इसका चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलता है। इसके प्रयोग की खास बात यह है कि इसका किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।
कामदेव वशीकरण का मुख्य मंत्र इस प्रकार हैः-
ओम नमो भगवते काम-देवाय श्रीं सर्व-जन-प्रियाय
सर्व-जन-सम्मोहनाय
ज्वल-ज्वल, प्रज्वल-प्रज्वल, हन-हन, वद-वद, तप-तप,
सम्मोहय-सम्मोहय, सर्व-जनं मे वशं कुरु-कुरु स्वाहा।
यह मंत्र इतना अधिक प्रभावशाली है कि इसके प्रतिदिन छह हजार बार जाप करने से शुत्र या फिर लंबे समय से रूठी पत्नी या गलतफहमी की शिकार हुई प्रेमिका तक को वशीभूत किया जा सकता है। इस मंत्र की कुछ खूबियां इस प्रकार हैंः-
  • प्रेमियों को इस मंत्र से न केवल समस्त वाधाएं दूर करने में मदद मिलती है, बल्कि उनका प्रेम वासना रहित निश्छलता लिए हुए सभी के द्वारा सहर्ष स्वीकार्य होता है। यह कहें कि उनके प्रेम-संबंध की विश्वसनीयता बढ़ जाती है और पारिवारिक-सामाजिक प्रतिष्ठा में कोई कमी नहीं आती है।
  • यदि आप विपरीत लिंग के प्रिय व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं तो इस मंत्र का नियमित कम-से-कम 11 बार या 108 बार जाप कर सकते हैं।
  • दांपत्य जीवन में तनाव और अनावश्यक झगड़े से आई रिश्ते की कड़वाहट को इस सिद्ध मंत्र के जाप से खत्म किया जा सकता है।
  • कामदेव वशीकरण मंत्र के द्वारा यौन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। कामदेव का शाबर मंत्र से शुक्र ग्रह को शक्तिशाली प्रभाव का बनाया जा सकता है तरे कामदेव को खुश किया जा सकता है। वह मंत्र हैः- ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहाः। ऐसा विश्वास है कि इस मंत्र से न केवल जीवनसाथी के प्रति सम्मोहन शक्ति बढ़ती है, बल्कि यौन क्षमता में भी वृद्धि होती है।
  • यदि किसी को सुयोग्य जीवन साथी की तलाश हो तो वे इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र हैः- ओम कामदेवाय विद्महेरति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंत प्रचोदयात। यह मंत्र दांपत्य मं प्रेम संबंध को भी प्रगाढ़ बनाता है।
  • रूठे हुए जीवनसाथी को मनाने के लिए तो यह मंत्र रामवाण की तरह कार्य करता है। यदि जीवनसाथी लाख मनाने पर भी मानने के तैयार नहीं हो उसकी आपके प्रति गलतफहमी दूर नहीं हो रही हो तब ऐसी स्थिति में जीवनसाथी के सामने जाएं। अपनी सच्ची भावना को प्रकट करें। संभव हो तो अपनी किसी भूल के लिए क्षमा मांगें। यह सब करने से पहले नीचे दिए गए मंत्र का प्रतिदिन दिन सुबह, दोपहर और रात्री में 108 बार जाप करें। ऐसा तबतक करें जबतक कि जीवनसाथी का दिल पिघल न जाए और आपके प्रति वह वशीभूत न हो जाए।
मंत्रः  ओम नमः काम-देवाय।
 सहल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनमदर्शनं
उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहाः    CALL - 9812052465