इस वो तत्व ने यदि पति को प्रेमपाश में बांध लिया पत्नी उपेक्षिता परित्यक्ता जीवन जीने को मजबूर हो जाती है। पुराने जमाने में पतियों को एकाधिक पत्नी रखने की सामाजिक स्वीकृति प्राप्त थी। ये एकाधिक पत्नियां आपस में सौतनें कहलातीं थीं। परंतु आज के संदर्भ में यह कथमपि स्वीकार्य नहीं है। इसलिए अक्सर लोग विवाह तो नहीं करते परंतु परायी स्त्री को पत्नी का समस्त दर्जा अवश्य दे देते हैं। इसलिए इन्हें सौतन के समतुल्य ही माना जाएगा।
यदि आपके जीवन में भी ऐसी कोई सौतन है तो उससे छुटकारे के लिए ज्योतिष विद्या में अनेक उपाय दिए गए हैं। इन उपाय को दो श्रेणी में बांट सकते हैं-मोहन तथा उच्चाटन। अर्थात पहले चरण में पति को स्वयं के प्रति मोहित करने का उपाय करें तथा दूसरे चरण में सौतन का अपने पति से उचाट लगा दें।
सौतन से छुटकारा पाने के लिए उपाय
इस चरण में पति को स्वयं के प्रति आकर्षित करने के लिए निम्नलिखित प्रयोग किये जा सकते हैं –
1.शुक्रवार के दिन तीन इलायची लेकर अपने शरीर से स्पर्श करें तथा उसे अपने कपड़े में बांध लें। अगली सुबह अर्थात शनिवार के दिन उसे पीसकर चाय अथवा दूध में मिलाकर पिला दें।
2.गोरोचन में पका हुआ केला मिलाकर एक लेप तैयार करें और उसे अपने सिर तथा चेहरे पर लगाएं। चेहरे पर अलौकिक कांति आएगी।
3.साबूत पान के पत्ते पर चंदन तथा केसर का चूर्ण मिलाकर अपने मस्तक पर तिलक लगाएं तथा पति अथवा उनके चित्र के समक्ष जाएं। यह प्रयोग निरंतर 43 दिनों तक करें, तथा नित्य नया पान का पŸाा इस्तेमाल करें जो कहीं से कटा-फटा न हो। अंतिम दिन सभी प को एकत्र कर बहते हुए पानी में बहा दें। आप में सम्मोहक शक्ति आ जाएगी।
4.एक शहद की शीशी अपनी तथा अपने पति की छोटी सी तस्वीर डालकर उसे अपने तकिये के नीचे रखें।
5.शनिवार की रात, बारह बजे अपनी मुट्ठी में कुछ लौंग भर लें तथा इक्कीस बार स्पष्ट उच्चारण में अपने पति का नाम लें। जितनी बार पति का नाम लें उतनी बार मुट्ठी में दबे लौंग पर फूंक मारें। इसके बाद उसे जला दें। निरंतर आठ दिनों तक इस टोटके की प्रक्रिया जारी रखें आठवें दिन पति के व्यवहार में परिवर्तन स्वयमेव दिखने लगेगा।
6.पति को स्वयं के प्रति मोहित करने के लिए शुक्र मंत्र का जाप अचूक उपाय माना जाता है जो इस प्रकार है -श्ओम दां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमःश्इ इस मंत्र का नियमित रूप से पाठ करने से पति आपके प्रति कामासक्त हो उठेगा।
7.शुक्ल पक्ष के गुरूवार को अपने घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा अथवा चित्र स्थापित करें। नित्य तीन माला तीन महीने तक श्ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमःश् मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप के अतिरिक्त प्रति गुरूवार लक्ष्मी-नारायण मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं।
सौतन से छुटकारा पाने के लिए उपाय
उच्चाटन
पहले चरण में यदि सफलता न मिले तो दूसरे चरण के प्रयोग को अपनाना चाहिए। उच्चाटन की शास्त्र सम्मत विधियों के अतिरिक्त कुछ सरल टोटके भी आजमाए जा सकते हैं। यदि परायी स्त्री के साथ पति का जुड़ाव मात्र काम-वासना आधारित हो तो साधारणतया टोटकों से ही अभीष्ट सिद्धि हो जाती है। परंतु यह जुड़ाव भावनात्मक स्तर पर प्रबल हो तो उच्चाटन हेतु विधिवत अनुष्ठान आवश्यक है।
1.रजस्वला अवधि में मध्यरात्रि को पति के बाल का कुछ हिस्सा काट लें तथा उसे छुपाकर अपने पास रख लें। कुछ दिन पश्चात उसे जला दें तथा पैरों से रौंदकर उसे बाहर फेंक दें।
2.पति के अधोवस्त्र को जलाकर किसी चैराहे पर फेंककर, उसे पैरों से रौंद दें तथा वापस घर आ जाएं।
3.तीन अभिमंत्रित गोमती चक्र में सिंदूर लगांए तथा होलिका दहन वाली अग्नि में अपनी सौतन का नाम लेते हुए डाल दें।
4.अमावस्या के दिन दो पीले पीपल पत्ते अपने हाथों से तोड़ लाएं। एक पर काजल से अपने पति का नाम लिखें, तथा दूसरे पर सिंदूर से उनका नाम लिखें। जिस पत्ते पर काजल से नाम लिखा उसे पीपल के पेड़ के पास ही किसी पत्थर से दबा दें। जिस पत्ते पर सिंदूर से नाम लिखा हो उसे अपने घर के छत पर उल्टा करके रख दें तथा उसे भी एक पत्थर से दबा दें। अब जिस पेड़ से पत्ता तोड़ा हो उसे नित्य जल अर्पित करें तथा सौतन से छुटकारे के लिए प्रार्थना करें। कुछ दिन बाद आपके पति को उस लड़की/स्त्री से उचाट लग जाएगा और वे उससे पूरी तरह विमुख हो जाएंगे।
पति को परायी स्त्री/लड़की से दूर करने के लिए उच्चाटन अनुष्ठान
यह प्रयोग किसी माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को अथवा किसी भी शनिवार को रात्रि 11 बजे के पश्चात प्रारंभ करें। अपने समक्ष दुर्गा यंत्र स्थापित कर, लाल वस्त्र धारण कर लाल आसन पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर बैठें। हाथ में जल लें तथा संकल्प करें -मैं अमुक साधिका अमुक स्त्री से अपने पति के प्रति उच्चाटन हेतु यह साधना कर रही हूं ताकि भविष्य में वह मुझे अथवा मेरे परिवार की सुख-शांति को किसी प्रकार क्षति न पहुंचा सके। माता दुर्गा आर्शीवाद दें। इस संकल्प के पश्चात जल भूमि पर छोड़ दें। संभव हो तो सौतन का चित्र सामने रखें। इसके बाद निम्नलिखत मंत्र का 51 माला जाप मूंगे की माला पर करें-
ॐ दुँ दुर्गायै अमुकं उच्चाटय उच्चाटय शीघ्रं सर्व शत्रु बाधा नाशय नाशय फट
उक्त मंत्र में अमुक के स्थान पर सौतन का नाम लें। यह साधना निरंतर तीन दिन करने के उपरांत यंत्र को घर के पूजा स्थल में स्थापित कर दें, मूंगे की माला तथा सौतन का चित्र किसी सुनसान स्थान में गड्ढा खोदकर दबा दें। इस साधना का त्वरित परिणाम होता है।